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    थ्रेडिंग बनाम वैक्सिंग: आइब्रो ग्रूमिंग के लिए क्या बेहतर है और क्यों?
    थ्रेडिंग बनाम वैक्सिंग: जानिए आइब्रो की शेप के लिए किसे चुनना चाहिए

    थ्रेडिंग बनाम वैक्सिंग: आइब्रो ग्रूमिंग के लिए क्या बेहतर है और क्यों?

    लेखन अंजली
    Oct 08, 2022
    10:00 pm

    क्या है खबर?

    परफेक्ट आइब्रो शेप चेहरे के फीचर्स को संतुलित करने के साथ-साथ आंखों की खूबसूरती को भी दोगुना करती हैं।

    आइब्रो ग्रमिंग के लिए अमूमन महिलाएं थ्रेडिंग और वैक्सिंग को चुनती हैं, लेकिन इनमें से आइब्रो की शेप बनाने के लिए सर्वोत्तम विकल्प कौन-सा है?

    अगर आप भी इन्हें लेकर उलझन में हैं तो आइए आज जानते हैं कि आइब्रो ग्रूमिंग के लिए थ्रेडिंग और वैक्सिंग में से किसे चुनना चाहिए।

    वैक्सिंग

    आइब्रो वैक्सिंग कैसे होती है?

    आइब्रो वैक्सिंग एक सदियों पुरानी प्रक्रिया है।

    इसके लिए एक ब्यूटीशियन सबसे पहले लकड़ी या फ्लैट नाइफ का इस्तेमाल करके आइब्रो के अनचाहे बालों पर गर्म वैक्स लगाती है।

    इसके बाद वह वैक्स पर वैक्सिंग स्ट्रेप लगाकर जल्दी से हटा देती है और त्वचा से अनचाहे बाल तुरंत निकल जाते हैं।

    इस तरह आइब्रो की शेप झट से बन जाती है।

    फायदे और नुकसान

    आइब्रो वैक्सिंग के फायदे और नुकसान

    फायदे- आइब्रो को शेप देने के अन्य तरीकों की तुलना में वैक्सिंग एक तेज और अधिक प्रभावी प्रक्रिया है। अगर आपकी आइब्रो मोटी हैं तो वैक्सिंग आपके लिए आदर्श तरीका है।

    नुकसान- आइब्रो वैक्सिंग के लिए गर्म वैक्स का इस्तेमाल सीधे त्वचा पर लगाया जाता है जो संवेदनशील त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे दाने या खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, अगर वैक्स अत्यधिक गर्म है तो त्वचा जल सकती है।

    आइब्रो थ्रेडिंग

    आइब्रो थ्रेडिंग कैसे होती है?

    आइब्रो थ्रेडिंग एक काफी सरल प्रक्रिया है।

    इसके लिए ब्यूटीशियन अपने ग्राहकों के साथ उनकी त्वचा के प्रकार, उनकी आइब्रो की शेप और बालों की बनावट पर चर्चा करते हैं।

    इसके बाद थ्रेडिंग करने के लिए आइब्रो वाली जगह को साफ करके ग्राहक को अपनी आंखें बंद करने और अपनी त्वचा को कसने के लिए कहते हैं। फिर थ्रेडिंग वाले धागे से आइब्रो के अनचाहे बाल हटाने लगते हैं।

    अंत में आइब्रो पर मॉइश्चराइजर लगते हैं।

    फायदे और नुकसान

    थ्रेडिंग के फायदे और नुकसान

    फायदे- थ्रेडिंग में त्वचा के साथ बहुत कम या कोई संपर्क नहीं होता है इसलिए एलर्जी की प्रतिक्रिया विकसित होने की संभावना कम होती है। अगर थ्रेडिंग के बाद आपकी त्वचा लाल हो जाती है तो यह थोड़ी ही देर में ठीक हो जाती है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए थ्रेडिंग विशेष रूप से उपयुक्त है।

    नुकसान- थ्रेडिंग दर्दनाक हो सकती है या सही तरीके से न करने पर त्वचा को काट भी सकती है।

    चयन

    आइब्रो वैक्सिंग और थ्रेडिंग में से किसका चयन करें?

    त्वचा की देखभाल और जरूरतों के आधार पर थ्रेडिंग और वैक्सिंग दोनों आपके लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं।

    दोनों विधियां बेहतरीन परिणाम देती हैं और दोनों के बीच चयन करना व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।

    थ्रेडिंग एक सटीक और कम खर्चीला तरीका है, लेकिन इसमें अधिक समय लगता है और इसके लिए दर्द को सहन करने की क्षमता होनी चाहिए।

    दूसरी ओर, अत्यधिक मोटी आइब्रो से छुटकारा पाने के लिए वैक्सिंग एक कम दर्दनाक और आदर्श प्रक्रिया है।

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