नींद से जुड़ी गंभीर समस्या है 'स्लीप पैरालिसिस', जानिए इसके बारे में सारी अहम बातें
क्या है खबर?
कई बार सोते-सोते ऐसा महसूस होता है, मनो आपको किसी ने जकड़ रखा हो। इस दौरान आस-पास की चीजों का अहसास तो होता रहता है, लेकिन नींद नहीं खुलती। इस स्थिति को 'स्लीप पैरालिसिस' कहा जाता है, जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। इसमें व्यक्ति सोते समय सचेत और सक्रिय महसूस करता है, लेकिन हिलने-डुलने या बोलने में असमर्थ होता है। आइए इस लेख में इस स्थिति के बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्लीप पैरालिसिस
क्या होता है स्लीप पैरालिसिस?
सोते समय हमारा शरीर शिथिल हो जाता है और वोलंटरी मांसपेशियां काम नहीं करती हैं। इससे व्यक्ति सपने देखते समय खुद को चोट पहुंचाने से बच जाता है। जब इस शिथिल अवस्था में रहते हुए व्यक्ति जाग जाता है, तब उसे स्लीप पैरालिसिस होता है। यह जागने और सोने के बीच की स्थिति होती है। इसकी वजह से ऐसा महसूस हो सकता है कि आप सपनों में कैद हो गए हैं और चाहते हुए भी जाग नहीं पा रहे हैं।
लक्षण
स्लीप पैरालिसिस के लक्षण
स्लीप पैरालिसिस का सबसे प्रमुख लक्षण होता है जागने के बाद भी हाथ-पैर न हिला पाना। इस दौरान आपका दिमाग तो जाग रहा होता है, लेकिन आप हिल-डुल या बोल नहीं पाते हैं। इसकी वजह से सीने पर भार भी महसूस होता है, मानो कोई आपके ऊपर बैठा हुआ हो। इसके दौरान घबराहट और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। इतना ही नहीं, यह स्थिति शरीर दर्द, सिरदर्द और डर का भी कारण बन सकती है।
कारण
क्यों होती है यह स्थिति?
स्लीप पैरालिसिस नींद के चक्र में भंग के कारण होता है। इसके दौरान दिमाग तो जाग रहा होता है, लेकिन शरीर नींद यानि आराम की स्थिति में ही होता है। यह तब होता है, जब रैपिड आई मूवमेंट (REM) और मस्तिष्क का तालमेल नहीं हो पाता। इसके अलावा, ज्यादा तनाव महसूस करने वाले लोगों को भी यह परेशानी हो सकती है। नशीले पदार्थों का सेवन, नींद न पूरी होना और माइग्रेन की वजह से भी स्लीप पैरालिसिस हो सकता है।
उपचार
कैसे किया जा सकता है स्लीप पैरालिसिस का इलाज?
अगर आप स्लीप पैरालिसिस से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी नींद की गुणवत्ता को सुधारने की कोशिश करें। रोजाना जल्दी सोने की कोशिश करें, सुबह जल्दी उठें और सोने का समय निर्धारित करें। सोने से पहले ध्यान लगाएं और मोबाइल आदि का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा इस स्थिति से उबरने के लिए चिंता और तनाव भी कम करें। अगर आपको बार-बार स्लीप पैरालिसिस होता है तो डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सुझाई हुई दवाइयां खाएं।