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वैज्ञानिकों ने खोजा एक ऐसा उपचार, जिससे वापस लौटाई जा सकती है आपकी आंखों की रोशनी

वैज्ञानिकों ने खोजा एक ऐसा उपचार, जिससे वापस लौटाई जा सकती है आपकी आंखों की रोशनी

लेखन सयाली
Jul 18, 2025
12:09 pm

क्या है खबर?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में कम से कम 220 करोड़ लोग दृष्टि दोष से जूझ रहे हैं। इन लोगों की आखों की रोशनी कई कारणों से जा सकती है, जिनमें चोट, मधुमेह और अपक्षयी स्थितियां शामिल हो सकती हैं। क्या हो अगर हम आपसे कहें कि आपकी आखें खुद ही खुद को ठीक करने में सक्षम हो सकती हैं? दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपचार खोजा है, जो रोगियों की आंखों की रोशनी वापस लौटा सकता है।

अध्ययन

दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने किया यह अध्ययन

दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक अध्ययन किया है, जिससे एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। उसके मुताबिल, हमारी आंखों में पहले से वह सब कुछ मौजूद है, जो देखने में मदद करने वाली कोशिकाओं को फिर से विकसित करने के लिए जरूरी है। अब वैज्ञानिकों ने इस उपचार प्रणाली को सक्रीय करने का एक तरीका ढूंढ लिया है। आइए इसके विषय में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि इसके जरिए अंधापन कैसे ठीक हो सकता है।

प्रक्रिया

शोध के लिए चूहों पर किए गए थे परीक्षण

शोधकर्ताओं ने PROX1 नाम का एक प्रोटीन खोजा, जो एक तरह से शरीर की क्षतिग्रस्त रेटिना कोशिकाओं को फिर से विकसित करने की प्राकृतिक क्षमता को कम कर देता है। इस अध्ययन को पूरा करने के लिए चूहों पर परिक्षण किए गए थे। जब वैज्ञानिकों ने चूहों में PROX1 प्रोटीन को अवरुद्ध किया, तो अनोखे परिणाम सामने आए। उन्होंने पाया कि चूहों ने 6 महीने के अंदर ही रेटिना कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर लिया।

उपलब्धि

इस उपचार के जरिए ठीक हो सकेगा इंसानों का अंधापन

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। जेब्राफिश और उभयचर जानवर सदियों से प्राकृतिक रूप से आंखों की रोशनी ठीक करने में सक्षम रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार है, जब मैमल और इंसानों में आंखों को खुद दुरुस्त कर पाने की उम्मीद जगी है। वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए तरीके से जल्द ही इंसानों और अन्य जानवरों का अंधापन ठीक किया जा सकेगा। हालांकि, इसके संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।

रेटिना कोशिकाएं

क्या होती हैं रेटिना कोशिकाएं?

इस अध्ययन में चूहे अपनी रेटिना कोशिकाओं को ठीक करने में कामयाब रहे थे। ये आंख के पीछे स्थित कोशिकाएं होती हैं, जो प्रकाश को विद्युत संकेतों में बदलती हैं। ये कोशिकाएं 2 मुख्य प्रकार की होती हैं, जो हैं रॉड और कोन। रॉड कोशिकाएं कम रोशनी में देखने के लिए जिम्मेदार होती हैं, जबकि कोन कोशिकाएं तेज रोशनी में देखने के लिए जिम्मेदार होती हैं। इनके ही क्षतिग्रस्त होने पर आंखों की रोशनी चली जाती है।