
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से जूझ रहे सलमान खान, जानिए क्या है ये बीमारी
क्या है खबर?
काजोल और ट्विंकल खन्ना अपना धमाकेदार टॉक शो 'टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल'लेकर आई हैं, जिसका प्रीमियर 25 सितंबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर हुआ। इस शो के पहले एपिसोड में सलमान खान ने अपने जीवन के एक कठिन दौर के बारे में बताया, जो कि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया नामक बीमारी से जुड़ा है। सलमान ने खुलासा किया कि वह लगभग 8 साल से ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बीमारी
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया क्या है?
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक तंत्रिका विकार है, जो ट्राइजेमिनल तंत्रिका के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण होता है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के चेहरे के कुछ हिस्सों में अचानक से तेज चुभन या फिर बिजली के झटके जैसा तेज दर्द होता है। यह स्थिति जानलेवा नहीं है, लेकिन यह बीमारी दैनिक जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। जैसे कि सलमान ने शो में बताया कि उन्हें एक साधारण ऑमलेट खाने में डेढ़ घंटा तक लग जाता था।
कारण
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया होने के कारण
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया होने का सबसे मुख्य कारण ट्राइजेमिनल तंत्रिका का ठीक से काम न करना है, जिसकी वजह से दिमाग की रक्त वाहिकाओं और ट्राइजेमिनल तंत्रिका के बीच का संपर्क दर्द का कारण बनता है। इसके अतिरिक्त मल्टीपल स्केलेरोसिस या ट्यूमर जैसी बीमारियां भी इसका कारण हो सकती हैं। हालांकि, कुछ मामलों में इस बीमारी के होने का कारण स्पष्ट नहीं होता है।
लक्षण
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लक्षण
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के सामान्य लक्षणों में चेहरे पर अचानक से तेज चुभन या बिजली के झटके जैसा दर्द होना शामिल है। सलमान ने शो में यह भी बताया,"मुझे सबसे पहले दर्द फिल्म 'पार्टनर' की शूटिंग के दौरान हुआ था, जब लारा दत्ता भी वहां थीं और शूटिंग के दौरान उनके बाल मेरे चेहरे को छू गए थे। तब मैनें मजाक में उनसे कहा कि उन्हें बिजली का झटका लगा, लेकिन सच तो ये था मुझे बहुत दर्द हो रहा था।"
इलाज
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का इलाज
सलमान ने शो में कहा कि अब इस आत्मघाती बीमारी का इलाज उपलब्ध है। बता दें कि कार्बामाजेपाइन या ऑक्सकार्बाजेपाइन जैसी दवाएं ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के दर्द को बढ़ने से रोक सकती हैं। इसके अतिरिक्त ग्लिसरॉल राइजोटॉमी तकनीक या बोटॉक्स इंजेक्शन का इस्तेमाल भी इस बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है। हालांकि, जिन मामलों में दवाएं प्रभावी नहीं होती हैं तो डॉक्टर्स सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।