ग्लोबल वार्मिंग से हर मिनट हो रही एक व्यक्ति की मौत- अध्ययन
क्या है खबर?
ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में मौसम काफी तेजी से अपना रुख बदल रहा है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और मानवीय स्थिति प्रभावित हो रही है इसलिए वैश्विक स्तर पर बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग चिंता विषय है। अब एक अध्ययन ने खुलासा किया है कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग हर मिनट एक व्यक्ति की जान ले रही है। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
128 विशेषज्ञों द्वारा किया गया अध्ययन
इस अध्ययन में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन के उपयोग से विषाक्त वायु प्रदूषण, जंगल की आग समेत डेंगू बुखार जैसी बीमारियां फैल रही है और वैश्विक तापमान वृद्धि को रोकने में विफलता के परिणामस्वरूप हर साल लाखों लोग मारे जाते हैं। यह अध्ययन 70 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के 128 विशेषज्ञों द्वारा किया गया था, जिनमें यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) शामिल हैं।
मौते
साल 2012 से 2021 के बीच हुई औसतन 5,46,000 मौतें
स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लैंसेट काउंटडाउन के 2025 संस्करण में 1990 के दशक से गर्मी से संबंधित मौतों में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और साल 2012 से 2021 के बीच औसतन 5,46,000 मौतें प्रतिवर्ष हुई हैं। सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओली जे ने कहा कि यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और इस बात पर जोर दिया कि अगर कुछ कदम उठाए जाए तो ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित हर मौत को रोका जा सकता है।
परेशानी
सरकारों ने जीवाश्म ईंधन सब्सिडी देकर बढ़ाई परेशानी
इस नुकसान के बावजूद साल 2023 में सरकारों ने जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के रूप में 956 बिलियन डॉलर (84.295 लाख करोड़ रुपये) प्रदान किए, जो साल 2024 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन COP29 में दिए गए 300 बिलियन डॉलर (26.45 लाख करोड़ रुपये) के वादे से कहीं अधिक है। अध्ययनों के अनुसार, पिछले एक दशक में कोयले के कम उपयोग से रोजाना लगभग 400 लोगों की जान बची है और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है।
बयान
जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी होना है मुसीबत
वैज्ञानिकों का तर्क है कि अगर जीवाश्म ईंधन पर वर्तमान दरों पर सब्सिडी जारी रही तो एक स्वस्थ भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। डॉक्टर रोमानेलो ने कहा कि जलवायु आपदा से बचने के उपाय मौजूद हैं। इनमें स्वच्छ ऊर्जा, शहरों का अनुकूलन और स्वस्थ आहार शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए कई कदम उठाए भी जा रहे हैं, जो हर किसी को अपनाने चाहिए।