मध्य प्रदेश में मौजूद हैं ये यूनेस्को वैश्विक धरोहर स्थल, एक बार जरूर जाएं
क्या है खबर?
देश के केंद्र में स्थित होने के कारण मध्य प्रदेश को 'भारत का दिल' या 'हृदय प्रदेश' भी कहा जाता है। यह अपने मंदिरों, किलों और महलों आदि की वजह से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
इसके अतिरिक्त यहां की ऐतिहासिक इमारतें प्राचीन वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण हैं और यूनेस्को ने यहां के कई स्मारकों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ है।
आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश में कौन-कौन से यूनेस्को धरोहर स्थल हैं।
#1
भीमबेटका
यह पुरातात्विक स्थल आपको दक्षिण एशियाई पाषाण युग का स्मरण करवा सकता है। इसे साल 2003 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
भीमबेटका में 600 से अधिक चट्टानी आश्रय और गुफाएं हैं। इन गुफाओं की दीवारें 30,000 साल पुराने चित्रों से सुशोभित हैं।
ये चित्र वनस्पति रंगों का उपयोग करके बनाई गए हैं। यह जगह साल और सागौन के घने पेड़ों के बीच स्थित हैं।
#2
सांची स्तूप
सांची बौद्ध धर्म के दर्शनीय स्थलों में से एक है और भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचनाओें का केंद्र है।
यहां स्थित महान स्तूप को तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के सम्राट अशोक महान द्वारा स्थापित किया गया था।
यह स्थान हरे-भरे बागानों से घिरा हुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को आनंद और शांति प्रदान करते हैं।
सांची स्तूप को 1989 में यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में जगह मिली थी।
#3
खजुराहो स्मारक समूह
मध्यकालीन युग में चंदेल राजवंश द्वारा निर्मित खजुराहो भारत की एक अत्यंत समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है।
यह भारत के मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हिंदू और जैन मंदिरों का एक समूह है।
यूनेस्को ने खजुराहो स्मारक समूह को साल 1986 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था।
यह स्मारक रोजाना सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
#4
भेड़ाघाट
यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, संगमरमर की चट्टानों और घाट से बहने वाली नर्मदा नदी के कारण प्रसिद्ध है।
भेड़ाघाट मशहूर धुआंधार झरने का भी घर है और इसे साल 2021 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में अस्थायी रूप से शामिल किया गया था।
इस जगह का संचालन सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक होता है और यहां पर नाव की सवारी प्रति व्यक्ति 30 रुपये है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक घटक है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, कला, विज्ञान और संस्कृति में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति इस बात पर निर्णय लेती है कि किसी स्थल या संपत्ति को वैश्विक धरोहर में शामिल करना है या नहीं।
समिति वैश्विक धरोहर सम्मेलन का कार्यान्वयन देखती है और अनुरोध पर वित्तीय सहायता देती है। वह संपत्तियों के संरक्षण की स्थिति की जांच भी करती है।