सर्वे में हुआ ख़ुलासा, इन ख़तरों से सबसे ज़्यादा अमीर भारतीय रहते हैं चिंतित, जानें
भारत में हर साल करोड़पतियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। आम लोगों का अमीरों के बारे में यही सोचना है कि उन्हें किसी भी तरह की चिंता और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन हाल ही में आई एक सर्वे रिपोर्ट ने लोगों की इस सोच को बदल दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमीरों को भी चिंता होती है और सबसे ज़्यादा भारतीय अमीरों को आतंकवाद का ख़तरा, चिंतित करता है।
सर्वे के लिए चुना गया 500 भारतीय अमीरों को
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सर्वे के लिए देश के 500 अमीरों को चुना गया और उनके जवाब के आधार पर यह आँकड़ा तैयार किया गया। इन अमीरों को तीन श्रेणियों (हाई नेट-वर्थ, वेरी हाई नेट-वर्थ और अल्ट्रा हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल) में बाँटा गया। सर्वे के अनुसार, आतंकवाद की समस्या से सबसे ज़्यादा अमीर चिंतित हैं, उसके बाद सामाजिक मुद्दे इनकी चिंता का कारण हैं। इसमें अंतर जातीय टकराव, महिला हिंसा और अमीर-ग़रीब के बीच की खाईं जैसी बातें हैं।
40% भारतीय अमीरों को सताती है पैसे चोरी होने की चिंता
भारत के 77% अमीर आतंकवाद के बढ़ते ख़तरे को लेकर चिंतित रहते हैं, वहीं 73% अमीर साम्प्रदायिक तनाव, महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा और सामाजिक आर्थिक विषमता जैसे सामाजिक मुद्दों की वजह से चिंतित रहते हैं। इन्ही सबके बीच 40% ऐसे अमीर भी हैं, जिन्हें पैसे चोरी होने की चिंता सताती रहती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये आँकड़े इन्वेस्टमेंट सर्विसेज़ कंपनी IIFL के वेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट में सामने आए हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प भी हैं भारतीय अमीरों की चिंता का विषय
इस सर्वे में शामिल 52% भारतीय अमीरों के लिए चिंता का विषय कोई और नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं। इनका मानना है कि ट्रम्प की नीतियाँ अस्थिरता की वजह बन सकती हैं। 62% अमीरों का मानना है कि वर्तमान अस्थिरता चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। वहीं कई अमीरों की चिंता का विषय भारत-पाकिस्तान संबंध, चीन का दक्षिणी चीनी समुद्र में विस्तार होना और यूरोपियन यूनियन का टूटना है।
कंपनी का उत्तराधिकारी चुनना 5% भारतीय अमीरों की चिंता का विषय
भारत के 8% अमीरों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मामलों का असर भविष्य में भारत की आर्थिक स्थित पर पड़ सकता है। वहीं 5% अमीरों की चिंता का विषय अपनी कंपनी के लिए उत्तराधिकारी चुनना होता है।