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लैंगिक भेदभाव को समझते हैं प्यार में पड़े पुरुष, नए अध्ययन में हुआ खुलासा

लैंगिक भेदभाव को समझते हैं प्यार में पड़े पुरुष, नए अध्ययन में हुआ खुलासा

लेखन सयाली
Aug 04, 2025
03:20 pm

क्या है खबर?

लैंगिक भेदभाव एक आम सामाजिक समस्या है, जिसका सामना ज्यादातर महिलाओं को करना पड़ता है। अधिकांश पुरुष इसे पहचानने में असमर्थ होते हैं, क्योंकि वे इसका अनुभव नहीं करते। हालांकि, एक नए अध्ययन के जरिए पता चला है कि प्यार में पड़े पुरुष लैंगिक भेदभाव को समझते हैं। जो पुरुष एक खुशहाल और रोमांटिक रिश्ते में होते हैं, वे समय के साथ इस सामाजिक समस्या को पहचानने लगते हैं। आइए इस अध्ययन के विषय में विस्तार से जानते हैं।

अध्ययन

अपनी पार्टनर के अनुभव सुनकर पुरुष लिंगभेद के प्रति होते हैं जागरूक

यह अध्ययन कनाडा के यॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है, जिसका नेतृत्व एमिली जे क्रॉस ने किया था। इसे 'सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनालिटी साइंस' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इससे पता चला कि प्यार में पड़े पुरुषों की लिंगभेद को पहचानने की संभावना तब ज्यादा होती है, जब उनकी साथी उन्हें भेदभाव के व्यक्तिगत अनुभव बताती हैं। ऐसा होने पर वे सहानुभूति महसूस करते हैं और खुद लैंगिक भेदभाव न करने का प्रयास करने लगते हैं।

उम्मीद

क्या कहता है यह अध्ययन?

अध्ययन में पाया गया कि जब पुरुष अपनी साथी के दृष्टिकोण को समझते हैं तो वे उनकी स्थिति को भेदभावपूर्ण मानने हैं और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने का समर्थन करते हैं। लिंगभेद को कम करने के पारंपरिक प्रयास अक्सर असफल हो जाते हैं। ऐसे में इस विषय के बारे में सीधे तौर पर अपनी पार्टनर से जानना समझ बढ़ाने और लिंग-पक्षपाती दृष्टिकोण को कम करने का एक आशाजनक तरीका हो सकता है।

प्रक्रिया

576 पुरुषों को बनाया गया था अध्ययन का हिस्सा

इस अध्ययन को पूरा करने के लिए शोधकर्ताओं ने पुरुषों के साथ 2 परीक्षण किए। इसके लिए ऐसे पुरुषों को चुना गया, जो कम से कम एक साल से रिलेशनशिप में थे। पहले परीक्षण में ऑनलाइन चुने गए 576 प्रतिभागियों को कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव के बारे में एक कहानी पढ़ने के लिए कहा गया था। कहानी में महिला को या तो पुरुष की रोमांटिक पार्टनर, करीबी दोस्त या अजनबी के रूप में वर्णित किया गया था।

जांच

पुरुषों को एक कहानी सुनाकर किया गया था अध्ययन

कहानी में महिला को पता चलता है कि समान योग्यता वाला एक पुरुष सहकर्मी उनसे 25 प्रतिशत अधिक कमा रहा है। उन्हें संदेह था कि वेतन में यह अंतर इस कारण हुआ, क्योंकि वह महिला हैं। कहानी को पढ़ने के बाद प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या वे खुद को महिला की स्थिति में रख पाते हैं और स्थिति को कितना लैंगिक भेदभावपूर्ण मानते हैं। उन्होंने लिंग के बारे में व्यापक दृष्टिकोण को मापने वाले सर्वेक्षण भी पूरे किए।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

नतीजों से पता चला कि जब कहानी में महिला को उनके रोमांटिक साथी के रूप में वर्णित किया गया तो पुरुष लैंगिक भेदभाव को ज्यादा समझ पाए। वहीं, कहानी में महिला को दोस्त या अजनबी के रूप में वर्णित करने पर वे लिंगभेद को सही से पहचान नहीं सके। ये प्रभाव प्रतिभागियों की सहानुभूति के सामान्य स्तर, संबंधों की गुणवत्ता और मौजूदा लैंगिकवादी मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए भी बने रहे।

दूसरा परीक्षण

दूसरे परीक्षण में पुरुषों ने साझा किए अपनी पार्टनर के व्यक्तिगत अनुभव

दूसरे परीक्षण में शोधकर्ताओं ने 570 पुरुषों का सर्वेक्षण किया। इनमें से 432 ने बताया कि उनकी पार्टनर ने पहले भी उनके साथ लैंगिक भेदभाव का व्यक्तिगत अनुभव साझा किया है। इनमें प्रमोशन न मिलने, यौन उत्पीड़न झेलने या लैंगिकवादी चुटकुले सुनने जैसे उदाहरण शामिल थे। प्रतिभागियों से घटना का वर्णन करने और फिर इस बारे में प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कहा गया कि वे अपने साथी के दृष्टिकोण को कितना समझते हैं।

परिणाम

दूसरे परीक्षण के ये रहे परिणाम

प्रतिभागियों ने इन सवालों के भी जवाब दिए कि उनके अनुसार उनके साथी को कितनी बार भेदभाव का सामना करना पड़ा और क्या उन्होंने लैंगिक समानता के समर्थन में कोई कदम उठाया या नहीं। जिन पुरुषों ने अपनी पार्टनर के खुलासे के दौरान सहानुभूति महसूस करने की बात कही, उनमें स्थिति को लिंगभेदी के रूप में देखने की अधिक संभावना थी। अध्ययन के मुताबिक, महिलाएं ही पुरुषों को लैंगिक भेदभाव के बारे में जागरूक कर सकती हैं।