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लैब्राडोर रिट्रीवर बनाम गोल्डन रिट्रीवर: जानिए इन दोनों कुत्तों की नस्लों में क्या है अंतर
लैब्राडोर रिट्रीवर बनाम गोल्डन रिट्रीवर

लैब्राडोर रिट्रीवर बनाम गोल्डन रिट्रीवर: जानिए इन दोनों कुत्तों की नस्लों में क्या है अंतर

लेखन अंजली
Apr 29, 2025
11:37 am

क्या है खबर?

लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर कुत्तों की नस्लें हैं, जो अपनी वफादारी और मित्रता स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, इन दोनों नस्लों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिन्हें जानना जरूरी है ताकि आप अपने लिए सही पालतू कुत्ता चुन सकें। इस लेख में हम इन दोनों नस्लों के बीच के पांच प्रमुख अंतर जानेंगे, जिससे आपको अपना पालतू जानवर बनाने के लिए इन कुत्तों में से किसी एक का चयन करने में मदद मिलेगी।

#1

आकार और वजन

लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर दोनों ही मध्यम से बड़े आकार के होते हैं। हालांकि, इनका आकार और वजन थोड़ा अलग होता है। लैब्राडोर आमतौर पर भारी और मजबूत होते हैं, जबकि गोल्डन रिट्रीवर थोड़े लंबे और पतले दिखते हैं। लैब्राडोर का वजन लगभग 25-36 किलोग्राम होता है, जबकि गोल्डन रिट्रीवर का वजन लगभग 25-34 किलोग्राम होता है। इसके अलावा लैब्राडोर की ऊंचाई 55-62 सेंटीमीटर होती है, जबकि गोल्डन रिट्रीवर की ऊंचाई 51-61 सेंटीमीटर होती है।

#2

फर और रंग

लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर दोनों के फर अलग-अलग होते हैं। लैब्राडोर का फर चिकना और पानी प्रतिरोधी होता है, जिससे वे पानी में आसानी से तैर सकते हैं। उनका फर काला, चॉकलेट ब्राउन या पीला हो सकता है। दूसरी ओर गोल्डन रिट्रीवर का फर मुलायम और लंबे बालों वाला होता है, जो उन्हें सुनहरे रंग का दिखाता है। इन दोनों नस्लों के फर की देखभाल के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने की जरूरत होती है।

#3

स्वभाव और व्यवहार

लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर दोनों ही मित्रता स्वभाव वाले होते हैं, लेकिन उनके व्यवहार में कुछ अंतर होते हैं। लैब्राडोर आमतौर पर अधिक सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर होते हैं, जबकि गोल्डन रिट्रीवर थोड़े शांत और धैर्यशील होते हैं। दोनों नस्लें बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करती हैं और परिवार के सदस्यों के प्रति वफादार रहती हैं। इन दोनों नस्लों के कुत्ते प्रशिक्षित करने में भी आसान होते हैं और जल्दी सीख जाते हैं।

#4

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर दोनों नस्लों में कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकते हैं। लैब्राडोर में हिप डिसप्लासिया और आंखों से जुड़ी समस्याएं अधिक देखी जाती हैं, वहीं गोल्डन रिट्रीवर में त्वचा संबंधी समस्याएं और कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसलिए इन दोनों नस्लों के कुत्तों की नियमित जांच करवाना जरूरी है ताकि समय रहते इन समस्याओं का पता चल सके और उनका इलाज किया जा सके।

#5

प्रशिक्षण और एक्सरसाइज की जरूरत

लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर दोनों ही बुद्धिमान कुत्ते होते हैं, जिन्हें नियमित एक्सरसाइज और प्रशिक्षण की जरूरत होती है। लैब्राडोर को रोजाना लंबी सैर और खेल-कूद की गतिविधियों की आवश्यकता होती है ताकि उनकी ऊर्जा खत्म हो सके और वे स्वस्थ रहें, वहीं गोल्डन रिट्रीवर को भी रोजाना एक्सरसाइज की जरूरत होती है, लेकिन वे थोड़े अधिक धैर्यशील होते हैं और धीरे-धीरे प्रशिक्षण को अपनाते हैं।