माइग्रेन बनाम तनाव से होने वाला सिरदर्द: जानिए जरुरी बातें
क्या है खबर?
सिरदर्द एक आम समस्या है, लेकिन इसके कई प्रकार होते हैं, जिनमें से दो प्रमुख प्रकार हैं माइग्रेन और तनाव सिरदर्द।
ये दोनों ही अपने-अपने तरीके से परेशान करते हैं और इनके कारण, लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।
माइग्रेन में अक्सर सिर के एक तरफ धड़कन जैसा दर्द होता है, जबकि तनाव सिरदर्द में माथे या गर्दन के पीछे दबाव महसूस होता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि इन दोनों में से कौन-सा ज्यादा तकलीफदेह होता है।
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माइग्रेन के लक्षणों को समझें
माइग्रेन का दर्द सिर के एक तरफ होता है और इसके साथ मतली, उल्टी या रोशनी और आवाज के प्रति संवेदनशीलता हो सकती है।
माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों से कई दिनों तक रह सकता है। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा होती है और इसका कारण आनुवांशिक भी हो सकता है।
समय पर इलाज न किया जाए तो यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
#2
तनाव से होने वाले सिरदर्द की पहचान कैसे करें?
तनाव से होने वाला सिरदर्द अक्सर कामकाजी लोगों में देखा जाता है। यह दर्द माथे या गर्दन के पीछे महसूस होता है जैसे कोई बैंड कस रहा हो।
इसका मुख्य कारण मानसिक या शारीरिक तनाव होता है, जैसे लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना या चिंता करना।
हालांकि, यह दर्द असहनीय नहीं होता, लेकिन बार-बार होने पर यह व्यक्ति की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है।
आराम करके इस सिरदर्द को कम किया जा सकता है।
#3
दोनों में से कौन-सा सिरदर्द ज्यादा तकलीफदेह है?
यह कहना मुश्किल हो सकता है कि माइग्रेन या तनाव से होने वाला सिरदर्द में से कौन-सा ज्यादा तकलीफदेह होता है क्योंकि दोनों ही अपने तरीके से परेशान करते हैं।
जहां माइग्रेन का दर्द तेज और लंबे समय तक रहता है, वहीं तनाव सिरदर्द बार-बार होने वाला हल्का लेकिन लगातार रहने वाला दर्द देता है।
व्यक्ति विशेष की स्थिति के अनुसार इनका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। इसलिए सही निदान करके उचित उपचार लेना जरूरी है।
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उपचार के उपाय
माइग्रेन और तनाव सिरदर्द दोनों का इलाज संभव है। माइग्रेन के लिए डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें, जबकि तनाव सेहोने वाले सिरदर्द को योग, ध्यान और नियमित एक्सरसाइज से कम किया जा सकता है।
पर्याप्त नींद लेना, संतुलित आहार खाना और हाइड्रेटेड रहना भी मददगार साबित हो सकता है।
अगर समस्या गंभीर लगे तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें ताकि सही उपचार मिल सके और जीवन की गुणवत्ता बनी रहे।