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20 या 21 अक्टूबर, कब है दिवाली? जानिए धनतेरस से लेकर भाई दूज की सही तारीख 

20 या 21 अक्टूबर, कब है दिवाली? जानिए धनतेरस से लेकर भाई दूज की सही तारीख 

लेखन सयाली
Oct 06, 2025
03:41 pm

क्या है खबर?

दिवाली भारत का सबसे बड़ा पर्व है, जिसका जश्न 5 दिनों तक चलता है। इसे रोशनी का त्योहार कहते हैं, जिसके दौरान सारा देश दीपकों से जगमगा उठता है। दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस बार लोग इस पर्व की सही तारीख को लेकर असमंजस में हैं कि यह 20 अक्टूबर को है या 21 को। इस लेख में हम आपको दिवाली से लेकर भाई दूज तक की सही तारीख बताएंगे।

तिथि

कब है दिवाली?

दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या पर मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक अमावस्या 20 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ हो रही है। इसका समापन 21 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। दिवाली पर लक्ष्मी मां का पूजन सूर्यास्त के बाद होता है, इसलिए दिवाली 20 अक्तूबर यानि सोमवार को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

तारीख

जानिए अन्य 4 त्योहारों की तारीख

दिवाली के जश्न की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो 18 अक्टूबर को है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन्वंतरि जी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इसके बाद छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी मनाई जाती है, जो 19 अक्टूबर को है। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, जिस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था। यह पूजा 22 अक्टूबर को की जाएगी। अंत में भाई दूज मनाया जाता है, जो 23 अक्टूबर को पड़ेगा।

कहानी

क्यों मनाई जाती है दिवाली?

रामायण के अनुसार, अधर्मी रावण ने छल करके माता सीता को बंधक बना लिया था। इसके बाद भगवान राम, लक्ष्मण जी और हनुमान जी ने वानर सेना के साथ लंका नरेश के खिलाफ युद्ध लड़ा था। भगवान राम रावण का वध करने के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल बाद अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरे शहर में घी के दीप जलाए थे। तभी से दीपावली मनाई जाने लगी थी।

महत्व

क्या है इस पर्व का महत्व?

दिवाली को अंधकार पर प्रकाश की जीत के रूप में भी देखा जाता है। इस दिन पूजा-अर्चना करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। इस पर्व पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है, जो धन और वैभव लेकर आते हैं। दिवाली पर सभी के घरों में दीपक जलाए जाते हैं, जो अज्ञानता और नकारात्मकता के अंधकार को दूर कर देते हैं। साथ ही यह त्योहार परिवार वालों और रिश्तेदारों को एक साथ लाता है।

पूजन विधि

इस तरह मनाई जाती है दिवाली

दिवाली से पहले लोग अपने घरों को साफ करते हैं और अच्छी तरह सजाते हैं। घर के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और बंधनवार आदि भी लटकाए जाते हैं। इसके अलावा घर को दीयों और लाइट से भी सजाया जाता है। शाम के वक्त मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। इसके बाद जश्न मनाने के लिए लोग पटाखे जलाते हैं, अपने प्रियजनों से मिलने जाते हैं और ढेर सारे स्वादिष्ट पकवान खाते हैं।