धनतेरस पर इन 5 चीजों को खरीदने से बचें, घर के लिए नहीं मानी जाती सही
धनतेरस को धनत्रोयदशी के नाम से भी जाना जाता है और यह त्योहार पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरूआत का प्रतीक है। यह त्योहार इस बार 29 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। धनतेरस पारंपरिक रूप से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि से जुड़ा हुआ है, इसलिए सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, उपकरण, वाहन और झाड़ू आदि चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस त्योहार पर किन चीजों को खरीदने से बचना चाहिए।
तेज धार वाली वस्तुएं
धनतेरस पर तेज धार वाली चीजें जैसे कैंची, चाकू, ब्लेड या कटर आदि चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। इसका कारण है कि ऐसी चीजें राहु या अशुभ संकेतों से जुड़ी होती हैं इसलिए धनतेरस के दौरान इससे बचना सबसे अच्छा होता है। हालांकि, अगर आपको इनमें से किसी की बहुत जरूरत है तो उन्हें त्योहार से पहले खरीद लें। यहां जानिए धनतेरस पर बनाए जाने वाले व्यंजनों की रेसिपी।
काले और नीले रंग की वस्तुओं से बनाएं दूरी
भले आपको काले और नीले रंग की चीजें बहुत पसंद आती हो, लेकिन इन रंगों की चीजें धनतेरस पर न खरीदें। पुरानी मान्यताओं के अनुसार, ये रंग दुर्भाग्य से जुड़े हैं क्योंकि ये अंधेरे का प्रतिनिधित्व करते हैं और नकारात्मक को अपनी ओर खींचते हैं। यहां तक काले और नीले रंग की एक्सेसरीज, फुटवियर, सजावट के सामान आदि भी न खरीदें। इन रंगों का इस्तेमाल तो हर शुभ अवसरों के दौरान नहीं किया जाना चाहिए।
लोहे की वस्तुएं न खरीदें
धनतेरस के त्योहार पर लोहे की वस्तुएं भी नहीं खरीदनी चाहिए। भारतीय पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान कुबेर (धन के देवता) इस अवसर पर लोहे के उत्पाद खरीदने वालों पर अपनी कृपा नहीं बरसाते हैं। इसके अतिरिक्त आपको स्टील से बनी वस्तुओं को भी खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि यह धातु भी लोहे का ही एक रूप है। इनकी बजाय पीतल के बर्तन खरीदें क्योंकि उन्हें खरीदना शुभ माना जाता है।
कांच की चीजों से भी बचें
आजकल बाजार में कई डिजाइन में कांच के उत्पाद मौजूद हैं, जिन्हें देखते ही खरीदने का मन करता है, लेकिन धनतेरस पर उनसे दूरी ही मनाएं। दरअसल, कांच से कई अंधविश्वास जुड़े हुए हैं और धनतेरस पर कांच की चीजें खरीदना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कांच राहु के साथ जुड़ा हुआ है और त्योहार के दौरान इसे खरीदने से घर में नकारात्मकता का प्रवेश होता है।
उपहार खरीदना और देना भी है गलत
दिवाली से पहले लोग अपने करीबियों को उपहार देने जाते हैं, लेकिन धनतेरस पर न तो आप उपहार खरीदें और न ही उसे देने के लिए किसी के घर जाएं। इसका कारण है कि धनतेरस के दिन किसी व्यक्ति को उपहार देने का मतलब होता है कि आप अपने घर की लक्ष्मी को किसी दूसरे को दे रहे हैं। अगर आपको अपने करीबियों को उपहार देना ही है तो धनतेरस से एक दिन पहले या बाद में दें।