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डरने से पहले जान लें क्या है स्वाइन फ्लू, इसके लक्षण और बचाव के तरीके

डरने से पहले जान लें क्या है स्वाइन फ्लू, इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Jan 20, 2019
07:15 pm

क्या है खबर?

स्वाइन फ्लू एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जिसको अनदेखा करने पर पीड़ित की जान भी जा सकती है। जानकारों का कहना है कि स्वाइन फ्लू का सही से इलाज न होने पर यह जानलेवा हो जाता है। वैसे तो यह हर तरह के लोगों पर बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फेफड़े के रोगियों के लिए यह बहुत ख़तरनाक है। ऐसे में आज हम आपको स्वाइन फ्लू क्या है, इसके लक्षण और बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं।

परिचय

क्या है स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू को H1N1 नाम से भी जाना जाता है। यह एक ख़तरनाक संक्रमण है जो इंफ़्लूएंजा A वायरस के कारण फैलता है। यह वायरस आमतौर पर सुअरों में पाया जाता है। आजकल ये संक्रमण इंसानों में तेज़ी से फैल रहा है। सावधानी न बरतने पर इसके काफ़ी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस बीमारी का ख़तरा ज़्यादातर ठंड और बरसात के मौसम में होता है, क्योंकि यह नमी की वजह से फैलता है।

लक्षण

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

अगर किसी व्यक्ति को खाँसी, गले में दर्द, बुखार, सिरदर्द, मतली और उलटी आती है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई नहीं लेनी चाहिए। स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को खाँसी या गले में खरास के साथ बुखार और माँसपेशियों में दर्द हो सकता है। इसके अलावा हल्के मामलों में व्यक्ति को साँस लेने में भी परेशानी होती है।

पीड़ित

इन लोगों को होता है स्वाइन फ्लू से सबसे ज़्यादा ख़तरा

स्वाइन फ्लू का सबसे ज़्यादा ख़तरा बुज़ुर्गों और छोटे बच्चों में होता है। जिन लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या जो पहले से ही बीमार होते हैं, उन्हें यह बीमारी बहुत आसानी से हो जाती है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं में फ्लू, भ्रूण की मौत सहित कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। हल्के-फुल्के मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन गंभीर लक्षण होने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।

जानकारी

पीड़ित व्यक्ति करता है बदली हुई मानसिक अवस्था का सामना

लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू में छाती में दर्द, श्वसन दर में वृद्धि, ख़ून में ऑक्सीजन की कमी, कम रक्तचाप, भ्रम, बदली हुई मानसिक स्थिति, डिहाईड्रेशन, गुर्दे और दिल की विफलता का सामना करना पड़ता है।

बचाव

इस तरह से करें स्वाइन फ्लू का बचाव

स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को छींकते समय हमेशा अपने मुँह पर टिशू या रुमाल रखना चाहिए। कभी भी बाहर जाना हो तो बिना मास्क के बाहर न निकलें। पीड़ित व्यक्ति अपने हाथों को कम से कम 45 सेकेंड तक साबुन से धोएँ। इसके साथ ही हमेशा हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को ख़ूब सारा पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।