उत्तराखंड: 10 मई से शुरू होगी चार धाम यात्रा, जानिए रजिस्ट्रेशन समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
क्या है खबर?
देवभूमि के नाम से जाने वाले उत्तराखंड में चार धाम स्थित हैं, जिसमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा शामिल हैं।
यह यात्रा साल में केवल 6 महीने ही चलती है और इस बार यह 10 मई से शुरू होने वाली है।
देशभर से लोगों ने भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) से अपने टिकट बुक करना शुरू कर दिया है, वहीं यात्रा के लिए लगभग 18 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है।
यात्रा
कैसे होती है चार धाम की यात्रा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चार धाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है। ऐसा माना जाता है कि यमुनोत्री से शुरूआत करने से चार धाम यात्रा बिना किसी बाधा के पूरी होती है।
वहीं हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, चार धाम यात्रा पश्चिम से शुरू होकर पूर्व में समाप्त होनी चाहिए।
यमुनोत्री के बाद गंगोत्री की यात्रा चार धाम का दूसरा पड़ाव है, जबकि तीसरा पड़ाव केदारनाथ है।
इस यात्रा का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ है,जो उत्तराखंड के चमोली जिले में है।
इतिहास
चार धाम यात्रा की शुरूआत कब हुई?
चार धाम यात्रा की शुरूआत 8वीं शताब्दी के धर्मप्रवर्तक और दार्शनिक आदि शंकराचार्य ने की थी।
उन्होंने 8वीं शताब्दी में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने के लिए चार पवित्र मंदिरों की तीर्थ यात्रा का आगाज किया।
1950 के दशक तक लोगों ने इन स्थलों तक पहुंचने के लिए पैदल ही एक कठिन यात्रा तय की।
हालांकि, साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सही रास्तों और कई तरह के साधनों की वजह से यह यात्रा थोड़ी आसान होती चली गई।
तिथियां
उत्तराखंड में स्थित पवित्र चार धामों के कपाट खुलने की तिथियां
यमुनोत्री मंदिर: उत्तरकाशी जिले में स्थित देवी यमुना को समर्पित मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया वाले दिन 10 मई को खुलेगें।
गंगोत्री मंदिर: उत्तरकाशी जिले में ही मौजूद देवी गंगा को समर्पित इस मंदिर के कपाट भी 10 मई को खोले जाएगें।
केदारनाथ मंदिर: रूद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक यह मंदिर भी 10 मई को खुलेगा।
बद्रीनाथ मंदिर: चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर 12 मई को खुलेगा।
रजिस्ट्रेशन
चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करने का तरीका
सबसे पहले उत्तराखंड पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद पेज के टूलबार से "एक्सप्लोर" विकल्प चुनें, फिर "आध्यात्मिक" विकल्प पर क्लिक करें और "चारधाम" चुनें। अंत में "अभी पंजीकरण करें" पर क्लिक करें।
बता दें कि उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने दैनिक पंजीकरण सीमा निर्धारित की है। केदारनाथ यात्रा के लिए सीमा प्रतिदिन 18,000 भक्तों की है, जबकि बद्रीनाथ के लिए यह 20,000 है।
इसी तरह गंगोत्री के लिए दैनिक सीमा 11,000 और यमुनोत्री धाम के लिए 9,000 है।
राह
चार धाम कैसे पहुंचें
चार धाम यात्रा परिवहन के विभिन्न साधनों जैसे सड़क, हवाई मार्ग या रेलमार्ग द्वारा की जा सकती है।
इस यात्रा के लिए सड़क यात्रा सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इसके जरिए आप हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के विभिन्न स्थानों पर रूकने का भी अवसर देता है।
वहीं इस यात्रा के लिए कई जगहों से हेलीकाप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जबकि रेलयात्रा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में है।