करवा चौथ कब है? जानिए सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें
करवा चौथ हिंदू माह कार्तिक में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर मनाया जाने वाला त्योहार है। इस अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र, समृद्धि और सुरक्षा के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। हालांकि, इस बार कई लोग करवा चौथ की तिथि को लेकर उलझन में हैं कि उपवास 31 अक्टूबर को रखा जाएगा या 1 नवंबर को। आइए आज हम आपको इस त्योहार की सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
1 नवंबर को मनाया जाएगा करवा चौथ
इस बार करवा चौथ 1 नवंबर को मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 09:30 से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 1 नवंबर की रात 09:19 बजे होगा। इसके अतिरिक्त इस त्योहार पर रखे जाने वाले निर्जला उपवास का समय 1 नवंबर को सुबह 06:33 बजे से लेकर रात 08:15 बजे तक है।
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त
अगर कोई महिला करवा चौथ मनाती है तो उसे इन मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए: अमृतकाल मुहूर्त- शाम 5:36 बजे से शाम 6:54 बजे तक अभिजीत मुहूर्त- शाम 06:05 बजे से शाम 07:21 तक बजे तक करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय- 1 नवंबर को रात 08:15 मिनट हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, अमृतकाल में किसी भी त्योहार के लिए पूजा करना शुभ होता है और सभी कार्य सफल होते हैं।
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ वाले दिन सुहागिन महिलाएं सबसे पहले नहाकर श्रृंगार करती हैं और सूर्योदय से पहले सरगी करके पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। इसके बाद शाम के समय महिलाएं करवा चौथ व्रत कथा का पाठ करती हैं और दूसरी पूजा चंद्रोदय के समय करती हैं। इस दौरान वे अपने पति को छलनी से देखती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। फिर पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर उनका उपवास तोड़ते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए उपवास से जुड़े नियम
अगर गर्भवती महिलाएं करवा चौथ का उपवास रख रही हैं तो वे समय-समय पर फल और पानी का सेवन करती रहें। उन्हें भारी कपड़े नहीं पहनने चाहिए और वे अपने आराम के अनुसार ढीले और हल्के कपड़े पहनें। साथ ही वे श्रृंगार कर सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को निर्जला व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि यह उनके और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इस दिन वो बस करवा चौथ से जुड़ी सभी विधियां अपनाएं।