आप कोरोना वायरस से कैसे संक्रमित हो सकते हैं? यह मुख्य वजह मानते हैं विशेषज्ञ
दुनियाभर में फैल चुका कोरोना वायरस अब तक 90 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है और 4.5 लाख से ज्यादा लोग इसके कारण जान गंवा चुके हैं। महीनों से चल रहे कई शोध के आधार पर अब वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर सहमति बनती दिख रही है कि यह खतरनाक वायरस कैसे फैलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति के साथ देर तक रहना इसके फैलने का सबसे बड़ा कारण है।
नजदीकी संपर्क से संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा
कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लॉकडाउन के कारण लोगों के जमा होने रोक लग गई थी, जिस वजह से दुनियाभर में लाखों जानें बच गई हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित सतह के कारण वायरस फैलने के संभावना कम है। मुख्य तौर पर संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क में आने से फैलता है क्योंकि उनके बोलने और सांस लेने के दौरान थूक के कण बाहर आते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के छींकने से और तेजी से फैलेगा संक्रमण
किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ देर तक रहने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित के साथ 15 मिनट तक बिना मास्क लगाए छह फीट से कम दूरी पर बैठा है तो उसके संक्रमित होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के कोरोना वायरस के मुख्य मेडिकल अधिकारी जॉन ब्रूक ने कहा कि अगर संक्रमित छींकता है तो संक्रमण और तेजी से फैलेगा।
संक्रमित सतहों से संक्रमण फैलने की संभावना कम
सांस लेने या छींक आने से थूक के कण जमीन या किसी दूसरी सतह पर गिर जाते हैं। हालांकि, इससे संक्रमण फैलने की संभावना कम होती है। मैसाचुसेट्स डार्टमाउथ यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि सतहों की बार-बार सफाई करना, कार्यस्थलों पर हैंड सैनिटाइजर आदि रखना अच्छी बात है, लेकिन ज्यादा खतरा एक-दूसरे से पास रहकर बातचीत करने और भीड़भाड़ वाली बंद जगहों पर देर तक रहने से है।
कार्यस्थलों पर ऐसी जगहें चिंता का विषय
विशेषज्ञ यह बताते हैं कि कार्यस्थलों पर बने ब्रेक रूम, लॉकर रूम, सिक्योरिटी चेक प्वाइंट और ऐसे दूसरे स्थान जहां लोग आपस में बातचीत करते हैं, उन जगहों पर संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा होता है।
पर्याप्त वेंटिलेशन न होना भी बढ़ा सकता है संक्रमण का खतरा
संक्रमण फैलने का दूसरा माध्यम वायरस का एयरोसोलाइजेशन होना है। यह तब होता है जब थूक के बहुत सूक्ष्म कण हवा में फैल जाते हैं और कोई इन्हें सांस के जरिये अंदर ले ले। इसलिए विशेषज्ञ घरों में पर्याप्त वेंटिलेशन पर जोर देते हुए खिड़की और दरवाजे खुले रखने की सलाह देते हैं ताकि वायरस हवा मे ही खत्म हो जाए। हालांकि, यहां यह बता देना जरूरी है कि कोरोना वायरस हवा के जरिये नहीं फैलता है।
इंडोर जगहें कितनी सुरक्षित हैं?
जानकार मानते हैं कि संक्रमण से बचाव के लिए इंडोर के मुकाबले खुली जगहें ज्यादा सुरक्षित है। इसकी वजह है कि खुली जगह थूक के कण जल्दी हवा में घुल जाते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए तो ये दूसरों तक नहीं पहुंचेंगे।