पेट के निचले हिस्से में दर्द हो तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, जल्द मिलेगा छुटकारा
पेट के निचले हिस्से में दर्द होना एक आम बात है, लेकिन यह दर्द काफी असहनीय होता है और इसके कारण उठने-बैठने में भी दिक्कत होने लगती है। यह दर्द खराब जीवनशैली, मांसपेशियों में खिंचाव और कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है। हालांकि अगर आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाते हैं तो पेट के निचले हिस्से के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं या फिर इससे बचे रह सकते हैं। आइए ऐसे नुस्खे जानते हैं।
डाइट में शामिल करें फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि ये न सिर्फ पाचन क्रिया को बीमारियों से बचाए रखने में मदद कर सकते हैं, बल्कि पाचन क्षमता में भी सुधार कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करते हैं तो इसकी मदद से पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से भी बच सकते हैं।
गर्म पानी का करें इस्तेमाल
अगर किसी कारणवश आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है तो उसे दूर करने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है। बस जब भी आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द हो तो गर्म पानी की बोतल या फिर हॉट वाटर बैग को प्रभावित हिस्से पर रखें और उससे सिकाई करें। ऐसा करने से दर्द कुछ ही मिनटों में दूर हो जाएगा। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना है जरूरी
कई बार पेट के निचले हिस्से में दर्द का कारण कब्ज जैसी समस्या हो सकती हैं जिनसे बचे रहने या राहत पाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना जरूरी है। कई शोध के मुताबिक, रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन पाचन शक्ति को बढ़ाकर कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इसके अलावा यह शरीर से गंदगी को साफ कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी मददगार हो सकता है।
एक्सरसाइज और योगासनों का अभ्यास करें
कुछ एक्सरसाइज और योगासनों का अभ्यास भी पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। एक्सरसाइज की बात करें तो रिलेक्सिंग टेक्निक, स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज और स्ट्रेटनिंग पेल्विक फ्लोर मसल एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करना फायदेमंद है। वहीं योगासनों में उत्तानपादासन, मंडूकासन, मत्स्यासन, सुप्त वज्रासन, चक्रासन, धनुरासन, मकरासन, नौकासन और मत्स्य क्रीड़ासन जैसे योगासनों का अभ्यास करने से यह समस्या दूर हो सकती है।