फिर से घर की सजावट का हिस्सा बन रही हैं ये 60-70 के दशक की वस्तुएं
घर की सजावट के ट्रेंड्स बिल्कुल फैशन की तरह है, जो समय-समय पर बदलते रहते हैं, लेकिन 60 और 70 के दशक वाली घर की सजावट की कुछ वस्तुएं ऐसी हैं, जो फिर से ट्रेंड का हिस्सा बन रही हैं। अगर आप होम डेकोर यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल का अनुसरण करते हैं तो आप पहले की कई वापसी वस्तुओं के बारे में जानते हैं। आइए आज हम आपको ऐसी कुछ वस्तुओं के बारे में बताते हैं।
फ्रेंच मिरर
फैशन ब्लॉगर्स के साथ आप जो पूरी लंबाई वाले मिरर देखते हैं, वे फ्रेंच मिरर हैं। फ्रेंच मिरर बड़े लकड़ी के फ्रेम्स में सेट होते हैं, जो ज्यादातर आयताकार होते हैं और इनकी ऊपरी तरफ नक्काशीदार मूर्तिकला सजावट का एक भाग होता है। यह विशेषता फ्रेंच मिरर को बहुत ही रॉयल और हाई-एंड लुक देती है। आप अपने डाइनिंग रूम या बालकनी में एक समान आकार के फ्रेंच मिरर को लगाकर अपने घर की खूबसूरती को बढ़ा सकते हैं।
वॉलपेपर्स
80 के दशक के बाद से वॉलपेपर्स का इस्तेमाल होना कम हो गया था और भारतीय घरों में तो वैसे भी बहुत कम वॉलपेपर सजी हुई दीवारें थीं। हालांकि, अब बाजारों में आसान एप्लिकेशन विधियों के साथ वॉलपेपर्स को चुनने के कई विकल्प मौजूद हैं और लोग उन्हें पसंद भी कर रहे हैं। ये न केवल दीवारों बल्कि फर्नीचर, अलमारियों और दरवाजों आदि पर लगाए जा सकते हैं।
रतन फर्नीचर
रतन फर्नीचर पुरानी और पारंपरिक तकनीकों से बनाया जाने वाला फर्नीचर है, जिसे विकर फर्नीचर भी कहा जाता है। बुनी हुई रतन लताओं से निर्मित तरह-तरह के फर्नीचर के सामान पर्यावरण के अनुकूल और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। आपने बचपन में अपने दादा-दादी के घर रतन फर्नीचर को देखा होगा, लेकिन अब ये फिर से ट्रेंड में है, इसलिए आप लेटेस्ट डिजाइन्स के रतन फर्नीचर को खरीदकर इन्हें अपने घर की सजावट में शामिल कर सकते हैं।
रंगीन रसोई
कुछ समय पहले रसोई की दीवारों और वस्तुओं को सफेद और भूरे रंग के कॉम्बिनेशन से सजाने का ट्रेंड था, लेकिन अब कई लोग इस कॉम्बिनेशन से ऊब चुके हैं और 60 और 70 के दशक की रंगीन रसोई का ट्रेंड अपना रहे हैं। रंगीन रसोई का मतलब है कि रसोई की दीवारों और वस्तुओं का रंग अलग-अलग होना चाहिए। रंग के साथ-साथ क्लासिक कैबिनेटरी फैशन में वापस आ गई है।