प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है शल्लकी, जानिए इसके इस्तेमाल से मिलने वाले फायदे
क्या है खबर?
शल्लकी एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसे बोसवेलिया सेराटा के नाम से भी जाना जाता है।
यह एक मध्यम आकार का फूल वाला पौधा है, जो एक सुगंधित राल पैदा करता है और उसका इस्तेमाल लोबान बनाने के लिए किया जाता है।
यह अपने विभिन्न चिकित्सीय गुणों के लिए जानी जाती है क्योंकि इसमें कई विटामिन, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं।
आइए जानते हैं कि शल्लकी के इस्तेमाल से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
#1
अस्थमा रोगियों के लिए है लाभदायक
अस्थमा रोगियों के लिए किसी दवा से कम नहीं है, इसलिए उन्हें इसका का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह फेफड़ों में वात और कफ दोष को संतुलित करता है।
ये दोष जब फेफड़ों में असंतुलित हो जाते हैं तो सांस फूलने की दिक्कत हो जाती है और यह वायुमार्ग में रुकावट भी पैदा कर सकते हैं।
छाती में जमाव को खत्म करने और अस्थमा से राहत पाने के लिए आप शल्लकी का पाउडर या कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
#2
हड्डियों के दर्द से राहत दिलाने में है कारगर
जोड़ों या हड्डियों में दर्द हो तो भी आप शल्लकी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक शोध के मुताबिक, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये शरीर में दर्द, पुरानी सूजन, गठिया आदि जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार है।
लाभ के लिए शल्लकी पाउडर को नारियल के तेल की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर दर्द से प्रभावित जोड़ों पर लगाएं।
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#3
घाव भरने में कर सकता है मदद
चोट के घाव को भरने के लिए भी शल्लकी का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह घाव को जल्दी भर सकता है।
लाभ के लिए घाव पर एक रेशम का पतला-सा कपड़ा रखें, फिर इसके ऊपर से शल्लकी का पाउडर छिड़ककर इस पर पट्टी बांध लें। इससे घाव जल्द ही भरने लगेगा।
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#4
लीवर को स्वस्थ रखने में है कारगर
लीवर से संबंधित समस्याओं के जोखिम कम करने में भी शल्लकी मदद कर सकता है।
इसका कारण है कि इसमें मौजूद एक्वियस और हाइड्रोअल्कोहलिक अर्क खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
इससे लीवर की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह लीवर में एंटी-ऑक्सीडेंट संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है।
#5
पाचन के लिए है फायदेमंद
शल्लकी क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस और IBS जैसे आंतों से संबंधित सभी समस्याओं के इलाज में भी मदद कर सकता है।
यह एंटी-डायरिया गुण से भरपूर होता है, जो पाचन क्षेत्र में होने वाली सूजन का इलाज करने में मदद करता है।
इससे आपको कब्ज और मलाशय से रक्तस्राव से मुक्त होने में मदद मिलती है।
हालांकि, इसके इस्तेमाल से पहले आपको आयुर्वेदिक डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए।