सेहत के लिए बेहद लाभदायक है अर्जुन की छाल, जानिए इसके सेवन के फायदे
अर्जुन के पेड़ के तने की बाहरी परत को अर्जुन की छाल कहा जाता है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरह की बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है क्योंकि यह कई औषधीय गुणों से समृद्ध होती है। इसमें विटामिन-ए, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम और कई अन्य जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। चलिए फिर जानते हैं कि अर्जुन की छाल से आपको कौन-कौन से मुख्य लाभ मिल सकते हैं।
मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में है सहायक
खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से मधुमेह का खतरा उत्पन्न होता है जिसके स्तर को नियंत्रित रखने में अर्जुन की छाल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अर्जुन की छाल में हेक्सोकिनेस और ग्लूकोनियोजेनिक जैसे कई एंजाइंस पाए जाते हैं। इनकी मौजूदगी के कारण अर्जुन की छाल में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं जो मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
हृदय के स्वास्थ्य के लिए है बेहतरीन
हृदय को स्वस्थ रखने में भी अर्जुन की छाल का सेवन अहम भूमिका अदा कर सकता है। NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रोल को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, विषाक्त तत्वों और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके हृदय रोग के खतरे से आपको बचा सकते हैं।
पाचन क्रिया के लिए भी है लाभदायक
NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अर्जुन की छाल में फाइबर मौजूद होता है जो पाचन क्रिया में सुधार के लिए बहुत लाभप्रद है। फाइबर शरीर में गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन को संतुलित करके पाचन क्रिया को बेहतर बनाने का काम करता है। इसी के साथ अर्जुन की छाल में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-वायरल गुण भी शामिल होते हैं जो पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं।
त्वचा के लिए भी है फायदेमंद
अर्जुन की छाल न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि त्वचा के लिए भी लाभकारी साबित हो सकती हैं क्योंकि इसमें मौजूद टैनिन एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट तो होता ही है, इसके साथ ही यह त्वचा के लिए एक प्रभावी एस्ट्रिनजेंट की तरह भी काम करता है। एस्ट्रिनजेंट त्वचा के रोमछिद्रों को छोटा करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह त्वचा से सीबम के स्राव को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित हो सकता है।