लैब ग्रोन और प्राकृतिक हीरों के बीच फर्क करने के लिए अपनाएं ये टिप्स
क्या है खबर?
हम सभी ने वह कहावत सुनी है कि 'हीरे महिलाओं के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं।' इन कीमती रत्नों से सजे जेवर खरीदना हर किसी का सपना होता है। ये न केवल सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं, बल्कि इनका मूल्य भी बढ़ता जाता है। इन दिनों बाजार में लैब ग्रोन हीरे भी मिलने लगे हैं, जो मानव निर्मित होते हैं। अगर आप लैब ग्रोन और प्राकृतिक हीरों के बीच फर्क करना चाहते हैं तो ये फैशन टिप्स अपनाएं।
प्राकृतिक हीरे
कैसे तैयार होते हैं प्राकृतिक हीरे?
प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल में अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण बनते हैं। लाखों सालों में कार्बन एटम क्रिस्टलाइज होकर हीरे में बदलते हैं। ये ज्वालामुखी गतिविधि द्वारा पृथ्वी की सतह पर लाए जाते हैं और इन्हें सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ माना जाता है। इन हीरों को खनन के दौरान निकाला जाता है, जिसमें बहुत मेहनत लगती है। यही कारण है कि प्राकृतिक हीरे दुनिया के सबसे महंगे रत्न होते हैं।
लैब ग्रोन
क्या होते हैं लैब ग्रोन हीरे?
लैब ग्रोन हीरे भी इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं, जिन्हें 'सिंथेटिक हीरे' भी कहा जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, ये हीरे वैज्ञानिकों द्वारा लैब में बनाए जाते हैं। इन हीरों को प्राकृतिक हीरों के समान पदार्थ से ही बनाया जाता है, जो शुद्ध कार्बन है। लैब ग्रोन हीरे भी असली हीरे ही होते हैं, बस वो धरती के नीचे नहीं बनते। हालांकि, ज्यादातर लोग इन्हें असली नहीं मानते हैं।
#1
चमक पर ध्यान दें
वैसे तो प्राकृतिक और लैब ग्रोन हीरों की चमक एक समान ही होती है। ज्यादातर जौहरी भी चमक देखने के बाद इन दोनों के बीच फर्क नहीं कर पाएंगे। हालांकि, दोनों प्रकार के हीरों की चमक में थोड़ा अंतर होता है। लैब ग्रोन हीरों में आमतौर पर कम खामियां होती हैं, क्योंकि इन्हें नियंत्रित परिस्थितियों में बनाया जाता है। वहीं प्राकृतिक हीरों पर अक्सर अनोखे निशान मौजूद होते हैं, जो जमीन के नीचे बन जाते हैं।
#2
प्रमाणपत्र देखें
सभी तरह के हीरों को किसी न किसी मान्यता प्राप्त प्राधिकरण से ग्रेडिंग प्रमाणपत्र दिया जाता है। हीरा खरीदते समय दुकानदार से यह प्रमाण पत्र मांगना न भूलें। भारतीय खरीदारों को GIA (जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका), IGI (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) और SGL (सॉलिटेयर जेमोलॉजिकल लैबोरेटरीज) टैग देखने चाहिए। प्रमाण पत्र पर यह लिखा होता है कि हीरा प्राकृतिक है या फिर लैब में तैयार किया गया है। इससे आपको सही चुनाव करने में आसानी होगी।
#3
दाम पर गौर करें
हीरे दुनिया के सबसे महंगे रत्न होते हैं, क्यूंकि ये बेहद दुर्लभ होते हैं। हालांकि, लैब में बनाए गए हीरों का दाम प्राकृतिक हीरों से कम होता है। इन हीरों की कीमत प्राकृतिक हीरों की तुलना में 40 से 70 प्रतिशत कम हो सकती है। इसका कारण यह नहीं होता कि लैब ग्रोन हीरों की गुणवत्ता में कमी होती है। इनका मूल्य इसलिए कम होता है, क्योंकि ये ज्यादा मात्रा में उपलब्ध रहते हैं और खनन पर निर्भर नहीं करते।