भारत के पांच सबसे बड़े स्टैच्यू, मौका मिलते ही जरूर देखने जाएं
अपनी अनूठी खूबियों से दुनियाभर में मशहूर भारत में कई ऐसे स्टैच्यू हैं, जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ये देश के काफी बड़े स्टैच्यू हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग देश ही नहीं विदेशों से भी आते हैं। हालांकि, अब तक आपने इन स्टैच्यू को नहीं देखा तो मौका मिलते ही इनका दीदार करने चले जाइए। चलिए फिर आज हम आपको भारत के पांच सबसे बड़े स्टैच्यू के बारे में बताते हैं।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
गुजरात में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित एक प्रतिमा है, जो 182 मीटर लंबी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है, जिसे बनाने में लगभग 2,979 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इस स्टैच्यू को 250 इंजीनियर और 3,400 मजदूरों ने मिलकर तीन साल नौ महीने में तैयार किया है। ध्यान रखें कि इस स्टैच्यू को देखने के लिए आपको टिकट खरीदनी पड़ेगी।
तथागत त्सल
सिक्किम के रवंगला शहर में एक बुद्ध पार्क है, जिसे तथागत त्सल के नाम से भी जाना जाता है। इस पार्क में बुद्ध की 40 मीटर ऊंची एक प्रतिमा है, जिसे गौतम बुद्ध की 2550 वीं जयंती के अवसर पर बनाया गया था। 60 टन तांबे से बनी यह मूर्ति रेपोस वर्क का उदाहरण है, जो एक ऐसी तकनीक है, जिसमें पीछे की ओर से एक डिजाइन बनाने के लिए एक लचीली धातु को हथौड़े से आकार दिया जाता है।
स्टैचू ऑफ अहिंसा
स्टैचू ऑफ अहिंसा दुनिया की सबसे बड़ी जैन मूर्ति है, जो महाराष्ट्र की मांगीतुंगी नामक जगह पर स्थित है। 37 मीटर लंबा यह स्टैच्यू जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषिभानाथ का एक अखंड है, जिन्होंने इक्ष्वाकु वंश की स्थापना की थी। जैनियों द्वारा पवित्र मानी जाने वाली मंगी-तुंगी पहाड़ियों से उकेरी गई अहिंसा की मूर्ति को बनने में 14 साल लगे। हर साल लाखों की संख्या में लोग इस स्टैच्यू को देखने आते हैं।
तिरुवल्लुवर स्टैचू
तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर में स्थित 133 फीट की प्रतिमा प्रसिद्ध तमिल कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर की है, जो थिरुक्कुरल के तीन खंडों अर्थात् पुण्य (38 अध्याय), धन (70 अध्याय), और प्रेम (25 अध्याय) को दर्शाती है। तिरुवल्लुवर ने थिरुक्कुरल लिखा था, जो एक क्लासिक तमिल भाषा का पाठ है। यह प्रतिमा 29 मीटर ऊंची है, जो 11.5 मीटर की चौकी पर खड़ी है। इस सबसे ऊंची पत्थर की मूर्ति में 3681 पत्थर हैं, जो लगभग 15 टन हैं।
आदियोगी
तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित आदियोगी एक शिव के चेहरे वाला स्टैच्यू है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा चेहरा है, जो 500 टन स्टील से बना है। शिव की इस प्रतिमा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में पहले ही मान्यता मिल चुकी है। इस प्रतिमा को बनाने में करीब 2.5 साल लगे हैं और स्टील के छोटे-छोटे टुकड़ों को मिलाकर शिव के चेहरे की प्रतिमा को बनाया गया है।