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दिमाग की इस घातक बीमारी का पहली बार इलाज हुआ सफल, कई घंटों तक चली सर्जरी
पहली बार सफल हुआ हंटिंगटन रोग का इलाज (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दिमाग की इस घातक बीमारी का पहली बार इलाज हुआ सफल, कई घंटों तक चली सर्जरी

लेखन अंजली
Sep 24, 2025
07:15 pm

क्या है खबर?

हंटिंगटन एक आनुवंशिक दिमाग की बीमारी है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति के दिमाग के कुछ हिस्सों में तंत्रिका कोशिकाएं यानी न्यूरॉन्स धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं। इस रोग के सामान्य लक्षणों में अनियंत्रित मांसपेशी गतिविधियां, अवसाद, चिड़चिड़ापन और सोचने-समझने क्षमता में कमी आना शामिल हैं। पहले इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं था और इसके लक्षणों को दवाओं से नियंत्रित किया जाता था, लेकिन अब इसका इलाज भी है। दरअसल, पहली बार इस बीमारी का सफल इलाज हुआ है।

कारण

हंटिंगटन बीमारी कैसे होती है? 

हंटिंगटन बीमारी मनुष्य में DNA के हंटिंगटन जीन नामक हिस्से में कमी के कारण होती है। इसका मतलब है कि अगर आपके माता-पिता में से किसी एक को भी हंटिंगटन बीमारी है तो 50 प्रतिशत संभावना है कि आपको भी हंटिंगटन हो सकता है। हालांकि, सामने आए इलाज से इस घातक बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस इलाज के लिए जीन थेरेपी और जीन साइलेंसिंग तकनीकों को मिलाकर इस्तेमाल किया गया था।

इलाज

शोध के तौर पर किया गया था इलाज

लंदन में हंटिंगटन से ग्रस्त 29 लोगों का इलाज एक शोध के तौर पर किया गया था, जिसके परिणाम काफी शानदार रहे। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में हंटिंगटन बीमारी की निदेशक प्रोफेसर तबरीजी ने कहा, "इस दिमागी बीमारी का इलाज बहुत महंगा हो सकता है, लेकिन इससे हंटिंगटन के रोगियों की स्थिति बेहतर हो सकती है।" उन्होंने आगे बताया कि यह इलाज एक तरह की जीन थेरेपी है, जो 12 से 18 घंटे की दिमागी सर्जरी के दौरान दी जाती है।

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बीमारी

शोध में शामिल जैक को अपने पिता से हुई यह बीमारी

शोध में जैक मे-डेविस नामक एक व्यक्ति भी शामिल था, जिसे हंटिंगटन है और वह इस बीमारी से रिकवर हो रहे हैं। जैक के पिता फ्रेड और उनकी दादी जॉयस को भी यह बीमारी थी, जिसने उन दोनों की जान ले ली। 30 वर्षीय जैक एक बैरिस्टर क्लर्क हैं, जिनकी हाल ही में क्लो नामक महिला से सगाई हुई है और उन्होंने अपनी बीमारी का सामना करने के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोध में भाग लिया था।

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तरीका

कैसे किया गया इलाज?

जैक का कहना है, "इस शोध के तौर पर किए गए इलाज के कारण मुझे अपना भविष्य थोड़ा उज्जवल दिख पा रहा है और इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मेरा जीवन और भी लंबा हो सकता है।" शोधकर्ताओं ने बताया कि एक सुरक्षित वायरस से हंटिंगटन का इलाज शुरू किया जाता है, जिसे रीयल-टाइम MRI स्कैनिंग से दिमाग में गहराई से पहुंचाया जाता है, जिसके लिए 12 से 18 घंटे की न्यूरोसर्जरी की जाती है।

समय

रोगियों को लंबे समय तक करवाना पड़ सकता है यह इलाज- एड वाइल्ड

शोध के तौर पर किए गए इलाज के आंकड़ों से पता चला है कि सर्जरी के 3 साल बाद हंटिंगटन की गति औसतन 75 प्रतिशत तक धीमी हो गई। इससे यह भी पता चला कि इलाज दिमाग के न्यूरॉन्स को बचा रहा है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स फॉर न्यूरोलॉजी एंड न्यूरोसर्जरी के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर एड वाइल्ड ने कहा, "इसी इलाज का हम इंतजार कर रहे थे। हालांकि, यह इलाज रोगियों को लंबे समय तक करवाना पड़ सकता है।"

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