ज़ज़ेन मेडिटेशन: जानिए इस ध्यान की तकनीक के फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
ज़ज़ेन (Zazen) मेडिटेशन बौद्धों के बीच लोकप्रिय है। भारतीय बुद्ध गुरु 'बोधिधर्म' ने ज़ेन मेडिटेशन की शुरुआत की थी, जो बौद्ध मठों में भिक्षुओं द्वारा धार्मिक रूप से प्रचलित है। यह मेडिटेशन आंतरिक शांति की भावना उत्पन्न करता है और मानसिक स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखने में सहायक है। आइए आज हम आपको ज़ज़ेन मेडिटेशन के अभ्यास का तरीका और इससे संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
ज़ज़ेन मेडिटेशन के पांच प्रकार
बोम्पू ज़ेन: यह शांत करने और बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। गेडो ज़ेन: यह बौद्ध धर्म के बाहर की शिक्षाओं को संदर्भित करता है और हमारी आध्यात्मिकता से जुड़ने में मदद करता है। शोजो ज़ेन: भ्रम और बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है। डाइजो ज़ेन: व्यक्ति के आवश्यक स्वभाव को जगाता है और आपको दुनिया के भ्रम से मुक्त होना सिखाता है। सैजोजो ज़ेन: इसके जरिए आप अपने वास्तविक स्वरूप के प्रति जागृत होते हैं।
ज़ज़ेन मेडिटेशन का अभ्यास करने से मिलते हैं ये फायदे
ज़ज़ेन मेडिटेशन करने से मस्तिष्क को तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह आपकी संज्ञानात्मक सतर्कता और एकाग्रता को बढ़ाता है। यह शरीर के हैप्पी हार्मोन को रिलीज करने में भी मददगार है, जिससे आप खुद को खुशनुमा महसूस कर सकते हैं। यह मेडिटेशन भावनात्मक बुद्धिमत्ता में सुधार करने में भी सक्षम है। इस मेडिटेशन के अभ्यास से अकेलेपन की भावना से भी छुटकारा मिलता है क्योंकि आप अंदर से खुद को पूरा महसूस करने लगते हैं।
इस मेडिटेशन का अभ्यास कैसे करें?
सबसे पहले दीवार की ओर मुंह करके पूर्ण कमल या अर्ध कमल की स्थिति में बैठें, फिर अपनी हथेलियों के पिछले हिस्से को अपनी जांघों पर रखें। इस दौरान आपका सिर और पीठ सीधी होनी चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे आंखे बंद करें और अपने होंठ बंद रखें, फिर सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करते हुए ध्यान लगाने की कोशिश करें। शुरूआत में इस मेडिटेशन को 10-20 मिनट करें, फिर समय को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
मेडिटेशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
इस मेडिटेशन का अभ्यास करते समय ध्यान केंद्रित करते समय अपना पूरा ध्यान सांस पर रखें। अगर अभ्यास के दौरान आपके मन में उतार-चढ़ाव आएं तो धीरज रखें और अपनी सांसों की लय और अपने शरीर की स्थिरता का इस्तेमाल करके इसे स्थिर करें। एक बार जब आप अपने शरीर की स्थिति और अपने दिमाग को केंद्रित करना सीख जाए तो अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अपने ध्यान लगाने के समय को बढ़ाएं।