जानें कब है लोहड़ी और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
लोहड़ी का त्योहार विशेष रूप से हिंदू और सिख समुदायों द्वारा बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है।
इस त्योहार को तिलोड़ी या लाल लोई के नाम से जाना जाता है और इस अवसर पर अनुष्ठान के तौर पर अग्नि के चक्कर लगाते हुए उसमें रेवड़ी मूंगफली, फुल्ले और गजक डाली जाती हैं।
आइए आज हम आपको लोहड़ी के त्योहार की सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
तिथि
लोहड़ी के त्योहार की सही तिथि
इस साल कई लोग लोहड़ी की तिथि को लेकर उलझन में है कि यह 13 जनवरी को मनाई जाएगी या 14 जनवरी को।
द्रिक पंचांग के मुताबिक, लोहड़ी 14 जनवरी (रविवार) को मनाई जाएगी, जबकि मकर संक्रांति 15 जनवरी (सोमवार) को मनाई जाएगी।
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी से कुछ दिन पहले से ही छोटे बच्चे लोहड़ी के गीत गाकर लोहड़ी के लिए लकड़ियां, मेवे, रेवडियां और मूंगफली इकट्ठा करने लग जाते हैं।
मुहूर्त
लोहड़ी का शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार लोहड़ी के उत्सव के लिए पूजा का समय इस प्रकार है:
लोहड़ी की तृतीया तिथि 14 जनवरी सुबह 07:59 बजे से शुरू होकर 15 जनवरी सुबह 04:59 बजे तक है। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी, जिस पर मकर संक्रांति मनाई जाती है।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 से लेकर 06:21 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:09 से लेकर दोपहर 12:51 बजे तक
कारण
क्यों मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार?
पारंपरिक तौर पर लोहड़ी सर्दियों में बोई जाने वाली रबी फसलों की कटाई से जुड़ा त्योहार है। इसी वजह से लोहड़ी के अलाव में किसान रबी फसल डालते हैं।
दरअसल, इस त्योहार के जरिए देवताओं को अग्नि के माध्यम से फसलों का भोग लगाया जाता है और धन, समृद्धि के साथ-साथ अपनी फसलों की अच्छी उपज के लिए ईश्वर से प्रार्थना की जाती है।
तरीका
कैसे मनाई जाती है लोहड़ी?
लोहड़ी के अवसर पर शाम के समय लकड़ियों की ढेरी जलाकर लोग रेवड़ी, मूंगफली और फुल्ले आदि को आग में डालते हैं और इसकी परिक्रमा लगाते हैं।
इसके बाद रेवड़ी और मूंगफली आदि को प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है।
पंजाबी लोकगीत, ढोल-नगाड़ों और नाच-गाकर इस त्योहार का जश्न मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त इस मौके पर कई लोग तरह-तरह के पंजाबी पकवान भी बनाते हैं।