रोजाना कुछ मिनट बैठे-बैठे करें ये 5 योगासन, वजन घटाने में मिलेगी मदद
रोजाना योग करने से तनाव और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद मिल सकती है। अलग-अलग योग आसन शरीर के अलग-अलग हिस्सा को लक्षित करते हैं और आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें रोजाना 20-30 मिनट बैठकर करने से आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए उन प्रभावी योगासनों के बारे में जानते हैं।
पश्चिमोत्तानासन
सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में सटाकर आगे की ओर फैलाकर बैठें। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे कि ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं। यहां जानिए पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
नावासन
सबसे पहले योगा मैट पर बैठकर पैरों को एकदम सीधा फैला लें। इसके बाद अपने दोनों पैरों के पंजों को आपस जोड़ते हुए उन्हें 45 डिग्री तक सांस भरते हुए उठा लें। अब अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में उठाते हुए घुटनों की तरफ एकदम सीधा रखें। इसी अवस्था में अपने सिर और पीठ को भी उठाएं और नाव का आकार ले लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे योगासन को छोड़ें।
बालासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन के लिए सबसे पहले दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं, फिर दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं घुटने के ऊपर से इसके किनारे पर रख लें। इसके बाद बाएं घुटने को मोड़कर इसकी एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें और बाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ने की कोशिश करें। इस दौरान दाएं हाथ को कमर के पीछे रखें। कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
बिटिलासन
इस आसन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मद्रा में बैठें, फिर आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे सीधे जमीन पर टिका लें। अब कूल्हे को ऊपर की तरफ और पेट को जमीन की ओर दबाएं। इसके बाद सिर को उठाते हुए कुछ सेकंड सीधे या फिर आसमान की तरफ देखें। कुछ देर इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे वज्रासन की अवस्था में वापस आ जाएं और आसन छोड़ दें।