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सामाजिक परिस्थितियों में कॉर्टिसोल और टेस्टोस्टेरोन प्रभावित करते हैं किशोरों का विश्वास, अध्ययन में हुआ खुलासा

सामाजिक परिस्थितियों में कॉर्टिसोल और टेस्टोस्टेरोन प्रभावित करते हैं किशोरों का विश्वास, अध्ययन में हुआ खुलासा

लेखन सयाली
Jul 28, 2025
12:05 pm

क्या है खबर?

कॉर्टिसोल और टेस्टोस्टेरोन दोनों ही शरीर में बनने वाले महत्वपूर्ण हार्मोन हैं। कॉर्टिसोल एक तनाव वाला हार्मोन है, जो अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा बनाया जाता है। जबकि, टेस्टोस्टेरोन एक लिंग हार्मोन है, जो पुरुषों में वृषण और महिलाओं में अंडाशय द्वारा बनाया जाता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि किशोर अजनबियों की तुलना में अपने दोस्तों पर अधिक भरोसा करते हैं। उनके विश्वास में यह अंतर इन दोनों हार्मोन के स्तर में बदलाव से जुड़ा होता है।

अध्ययन

चीन में किया गया था यह अध्ययन

इस अध्ययन को साइकोन्यूरोएंडोक्राइनोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसे चीन स्थित बीजिंग नार्मल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पूरा किया था, जिनका नेतृत्व रुई सु नाम के वैज्ञानिक ने किया था। अध्ययन के अनुसार, किशोरावस्था के दौरान कॉर्टिसोल और टेस्टोस्टेरोन बढ़ते हैं और ये युवाओं की सामाजिक परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं। इसमें खतरे का आकलन करना, साथियों के साथ बातचीत करना और दूसरों पर भरोसा करने का निर्णय लेना शामिल होता है।

प्रक्रिया

अध्ययन का हिस्सा बने थे 142 किशोर

अध्ययन में यह समझने की कोशिश की गई कि कैसे हार्मोनल, संज्ञानात्मक और सामाजिक कारक मिलकर किशोरों में विश्वास को प्रभावित करते हैं। शोध में बीजिंग के शहरी स्कूलों के 10-14 साल की आयु वाले 142 किशोरों को शामिल किया गया। प्रतिभागियों में करीब 45 प्रतिशत लड़कियां थीं। पहले दिन प्रतिभागियों ने माता-पिता की देखरेख में घर पर ही लार के नमूने एकत्र किए, ताकि कोर्टिसोल का स्तर मापा जा सके। दूसरे दिन किशोरों ने स्कूल में कई कार्य किए।

कार्य

स्कूल में करवाए गए थे ये कार्य

किशोरों को स्कूल में एक विश्वास वाला खेल खिलाया गया था। वहीं, उनके मन के सिद्धांतों को समझने के लिए एक कार्टून-आधारित कार्य और आवेगशीलता को मापने के लिए एक जुएं वाला कार्य करवाया गया था। टेस्टोस्टेरोन के स्तर का आकलन करने के लिए स्कूल में दोबारा लार के नमूने लिए गए थे। विश्वास वाले खेल में हर प्रतिभागी ने एक निवेशक की भूमिका निभाई, जो तय करता था कि किसी दोस्त या अजनबी को कितने टोकन दिए जाएंगे।

खेल

प्रतिभागियों ने खेले ये मजेदार खेल

दूसरे खिलाड़ी को दिए गए टोकन का मूल्य 3 गुना हो जाता और प्राप्तकर्ता पूरी राशि अपने पास रखने का विकल्प चुन सकता था। टोकन की संख्या विश्वास के स्तर को दर्शाती थी। मन के सिद्धांत वाले कार्य में प्रतिभागियों से कार्टून वाली कहानियों के किरदारों के इरादों या भावनाओं का अनुमान लगाने को कहा गया। आवेगशीलता वाले कार्य में उन्हें अंक जमा करने के लिए वर्चुअल गुब्बारे फुलाने थे। अगर गुब्बारा फटता तो सब कुछ गंवाने का जोखिम रहता।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

किशोरों ने अजनबियों की तुलना में दोस्तों में ज्यादा निवेश किया। उन्हें विश्वास था कि उनके दोस्त भी उनके जैसा ही व्यवहार करने की ज्यादा संभावना रखते हैं। आवेगशीलता में सामाजिक दूरी की परवाह किए बिना प्रतिभागियों ने दूसरों पर ज्यादा भरोसा किया। जिन किशोरों की मानसिक क्षमता ज्यादा मजबूत थी, वे अपने विश्वास को इस आधार पर समायोजित करने में बेहतर थे कि वे किसी दोस्त के साथ बातचीत कर रहे थे या अजनबी के साथ।

हार्मोन

जानिए दोनों हार्मोन के स्तर ने क्या दर्शाया

कोर्टिसोल का कम स्तर ज्यादा आवेगशीलता को दर्शाता था, जिसका मतलब था कि प्रतिभागी सामाजिक परिस्थितियों में अजनबियों पर भी भरोसा करते थे। साथ ही कम कोर्टिसोल सीधे तौर पर कम सामान्य विश्वास से जुड़ा था। जिन किशोरों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा हुआ था वे अपने विश्वास के स्तर को इस आधार पर समायोजित करने में बेहतर थे कि वे किसके साथ बातचीत कर रहे थे। यह प्रभाव लड़कों में सबसे ज्यादा स्पष्ट थे।