
खून चूसने वाले जानवर कौन से होते हैं? जानिए 5 जानवरों के बारे में
क्या है खबर?
खून चूसने वाले जानवरों के बारे में सुनकर ही डर लगने लगता है। ये जानवर खून चूसकर कई गंभीर बीमारियां भी फैला सकते हैं, जिनसे बचने के लिए इन जानवरों के बारे में जानना जरूरी है।
ऐसे ही कुछ खून चूसने वाले जानवरों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। ये जानवर न केवल इंसानों बल्कि जानवरों को भी अपना शिकार बनाते हैं।
आइए खून चूसने वाले पांच जानवरों के बारे में जानते हैं।
#1
कैंडिरू मछली
कैंडिरू एक छोटी मछली है, जो दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है। यह मछली इंसान को काटती है और उसके खून का स्वाद लेती है।
यह मछली इतनी खतरनाक है कि अगर यह किसी इंसान के संपर्क में आती है तो वह गंभीर रूप से घायल हो सकता है।
कैनडिरू मछली का आकार छोटा होता है, लेकिन यह अपने तेज दांतों से काटकर खून चूसने में माहिर है।
#2
वैंपायर चमगादड़
वैंपायर चमगादड़ एक ऐसा जीव है, जो इंसानों का खून चूसने के लिए जाना जाता है। यह जीव दक्षिण और मध्य अमेरिका में पाया जाता है और अपने शिकार का खून पीने के लिए इसका इस्तेमाल करता है।
यह जीव अपने शिकार के शरीर के किसी भी हिस्से को काटकर उसका खून पी जाता है।
हालांकि, यह जीव इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन इसके काटने से खून में बीमारी फैल सकती है।
#3
पिस्सू
पिस्सू एक तरह का कीड़ा है, जो चूहों और कुत्तों को काटता है और इंसानों के लिए भी बहुत नुकसानदायक होता है।
पिस्सू के बारे में कहा जाता है कि यह खून चूसने के साथ-साथ कई बीमारियों का कारण बन सकता है। पिस्सू के कारण प्लेग जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
पिस्सू के लक्षणों के तौर पर तेज बुखार, शरीर में दर्द, थकान और सिरदर्द आदि हो सकते हैं।
#4
बेड बग
बेड बग भी खून चूसने वाले जीवों में से एक होते हैं। यह आपके बिस्तर के आसपास छिपे छोटे-छोटे कीड़े होते हैं, जो मानव खून पर निर्भर करते हैं।
इसके कारण कई लोग रात में सोते समय बेचैनी महसूस करते हैं।
बेड बग के काटने से त्वचा पर खुजली और लाल धब्बे हो सकते हैं। हालांकि, ये खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन इनके कारण त्वचा पर असुविधाजनक दाने हो सकते हैं।
#5
मच्छर
मच्छर भी खून चूसने वाले जीवों में शामिल होती हैं, जो कई तरह की बीमारियां फैला सकते हैं।
मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं। इस कारण समय-समय पर इन जीवों से बचाव के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत होती है ताकि इन बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सके।