सर्दियों के दौरान वायरल इंफेक्शन समेत कई बीमारियों से सुरक्षित रख सकता है तुलसी का काढ़ा
सर्दियों में सर्दी, खांसी, वायरल इंफेक्शन सहित कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसकी रोकथाम में तुलसी का काढ़ा मदद कर सकता है। आयुर्वेद में तुलसी एक बहुत ही खास औषधीय पौधा है। चाहे आप इसकी पत्तियां चबाएं या फिर इसका का काढ़ा बनाकर पिएं, हर तरह से आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि तुलसी का काढ़ा कैसे बनाया जाता है और इसके सेवन से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
तुलसी का काढ़ा बनाने का तरीका
सामग्रियां: 10 से 15 तुलसी की ताजी पत्तियां, एक इंच अदरक का टुकड़ा, 4-5 काली मिर्च के दाने, 2-3 लौंग, एक छोटा टुकड़ा दालचीनी, 2-3 कप पानी और शहद (स्वादानुसार)। रेसिपी: सबसे पहले तुलसी की पत्तियों को धोकर बारीक काटें, फिर अदरक को भी टुकड़ों में काट लें। इसके बाद एक पैन में पानी उबालकर उसमें तुलसी की पत्तियां, अदरक, काली मिर्च, लौंग और दालचीनी डालें। अब इसे 8-10 मिनट उबालकर कप में छानें और इसमें शहद मिलाकर पिएं।
इम्यूनिटी को मजबूती देने में है सहायक
तुलसी के काढ़े में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूती देने में मदद कर सकते हैं। इससे शरीर को सर्दियों के दौरान होने वाले संक्रमण और बीमारियों से निपटने में काफी मदद मिल सकती है। अगर आप तुलसी के काढ़े को सुबह के समय पीते हैं तो इससे आपको भरपूर ऊर्जा और ताजगी भी मिल सकती है। यहां जानिए सर्दियों में इम्यूनिटी को बढ़ावा देने वाली खान-पान की अन्य चीजें।
सांस से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को करें कम
तुलसी के काढ़े का सेवन सांस से जुड़ी कई समस्याओं के जोखिम कम करने में मदद कर सकता है। एक शोध के अनुसार, यह काढ़ा एंटी-ऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होती है, जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और इओसिनोफिलिक लंग्स डिजीज (फेफड़े से जुड़ी बीमारी) आदि बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है। इसलिए सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए तुलसी के काढ़े का सेवन करना बेहतरीन है।
पाचन को बढ़ावा देने में है कारगर
तुलसी के काढ़े का सेवन पाचन को सुधारने और अच्छे आंत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बेहतर मानी जाती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य सक्रिय तत्व पाचन के गैस्ट्रिक जूस के स्राव को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं, जिससे अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। साथ ही यह काढ़ा पेट फूलना, पेट में गड़बड़ी, सूजन, पेट दर्द और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी स्थितियों का इलाज करने में प्रभावी है।
ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से संचालित करने में है प्रभावी
तुलसी के काढ़े का सेवन ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से संचालित करने में भी सहायक है। एक शोध के मुताबिक, तुलसी के काढ़े में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिस कारण इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन ब्लड प्रेशर को सही ढंग से संचालित करने में मददगार है। अगर कोई ब्लड प्रेशर से संबंधित दवा का सेवन कर रहा है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपनी डाइट में तुलसी के काढ़े को शामिल करें।
महावारी के कारण पेट की ऐंठन को कर सकता है दूर
माहवारी के दौरान पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं होने लगती हैं, जो आमतौर पर प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन के अत्यधिक स्राव के कारण होती हैं। हालांकि, तुलसी के काढ़े का सेवन इससे छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें दर्द निवारक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके अलावा यह अपच के कारण होने वाली पेट की ऐंठन को भी कम कर सकता है।