पार्किंसंस रोग के जोखिम कम करने में सहायक हैं ये एक्सरसाइज
पार्किंसंस रोग एक मानसिक रोग है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति के दिमाग के न्यूरोन धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं और इस वजह से उनके लिए शरीर का संतुलन बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है। दरअसल, यह बीमारी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं, जो पार्किंसंस के जोखिम कम करने में सहायक हो सकते हैं।
एरोबिक्स एक्सरसाइज
एरोबिक्स एक्सरसाइज के नियमित अभ्यास से दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे व्यक्ति की याद्दाशत बेहतर रखने में काफी मिलती है। इसके अलावा, यह एक्सरसाइज दिमाग के न्यूरोन्स को सुरक्षा प्रदान करने में भी मदद कर सकती है। एरोबिक एक्सरसाइज में आप अपने वर्कआउट रूटीन में स्विमिंग, रनिंग, जॉगिंग, साइकिलिंग और वॉकिंग आदि को शामिल कर सकते हैं। आप इन एक्सरसाइज को रोजाना 20-30 मिनट तक करें।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
पार्किंसंस रोगियों के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना भी फायदेमंद है। हालांकि, स्ट्रेचिंग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हर 10 मिनट में इसे कई बार करें। स्ट्रेचिंग को आप गर्दन कंधे और हिप्स पर भी कर सकते हैं। इस एक्सरसाइज के दौरान आप बैक एंड चेस्ट स्ट्रेचिंग, एकिंग हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, स्टैंड लोवर बैक स्ट्रेच, एब्डामिनल फ़्लेक्स जैसी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। इनसे आपके दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कोर ट्रेनिंग एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज को करने के लिए पीठ के बल लेटकर अपने दोनों पैरों को मोड़ लें। इसके बाद अपने दाहिने पैर को ऊपर की तरफ उठाएं। आपको पैरों को 90 डिग्री में मोड़ना है। इसके बाद अपने दाहिने हाथ को घुटने पर रखिए और पैरों को उठाने के बाद अपने हाथों से उन्हें पीछे की तरफ ढकेलिए। नियमित तौर पर इस एक्सरसाइज को करने से पार्किंसंस रोगियों को बहुत फायदा पहुंचता है।
मेडीटेशन करें
पार्किंसंस के जोखिम कम करने में एक्सरसाइज के रूप में मेडीटेशन करना भी अच्छा उपाय है। रोजाना मेडिटेशन करने से मस्तिष्क के तंत्रिका मार्ग बदल जाते हैं, जिनका दिमाग के न्यूरोन्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके लिए सबसे पहले जमीन या कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं और अपनी आंखों को बंद कर तेजी से ओउम् का जाप करें या सकारात्मक सोचें। रोजाना इस प्रक्रिया को पांच-छह बार दोहराएं।