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तंत्रिका तंत्र को संतुलित कर सकता है ये 5 आयुर्वेदिक तकनीकें, जानिए कैसे
तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने वाली आयुर्वेदिक तकनीकें

तंत्रिका तंत्र को संतुलित कर सकता है ये 5 आयुर्वेदिक तकनीकें, जानिए कैसे

लेखन अंजली
Aug 10, 2025
05:55 am

क्या है खबर?

तंत्रिका तंत्र हमारे शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है और इससे जुड़ी समस्याएं मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। आयुर्वेद इस तंत्र को संतुलित करने के लिए कुछ आदतों को अपनाने की सलाह देता है। इनमें गहरी सांस लेना, अभ्यंग तेल मालिश करना, शिरोधारा प्रक्रिया, ध्यान लगाना और नस्य प्रक्रिया शामिल हैं। आइए इन तकनीकों के फायदे जानते हैं।

#1

गहरी सांस लेना

गहरी सांस लेना तंत्रिका तंत्र को शांत करने का एक आसान तरीका है। यह अभ्यास शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है और तनाव को कम करता है। इसे करने के लिए बैठकर या लेटकर गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। इस प्रक्रिया को कुछ मिनट तक दोहराएं। इससे आपका मन शांत रहेगा और आप अधिक संतुलित महसूस करेंगे। यह अभ्यास न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

#2

अभ्यंग तेल मालिश करना

अभ्यंग तेल मालिश करना न केवल त्वचा को पोषण देता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी संतुलित रखता है। यह अभ्यास शरीर में रक्त का बहाव बढ़ाता है और तनाव को कम करता है। इसके लिए गर्म अभ्यंग तेल का उपयोग करें और हल्के हाथों से पूरे शरीर की मालिश करें। इससे आपकी त्वचा मुलायम बनेगी और मानसिक शांति मिलेगी। नियमित रूप से इस अभ्यास को अपनाने से आप अधिक आरामदायक महसूस करेंगे।

#3

शिरोधारा प्रक्रिया

शिरोधारा प्रक्रिया में लगातार तेल की धारा माथे पर पड़ती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है। इस प्रक्रिया में सिर की मालिश भी शामिल होती है, जो तंत्रिका तंत्र को शांत करती है। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और आप अधिक तरोताजा महसूस करते हैं। शिरोधारा प्रक्रिया को नियमित रूप से अपनाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और आप अधिक संतुलित और आरामदायक महसूस करते हैं।

#4

ध्यान लगाना

ध्यान लगाना तंत्रिका तंत्र को संतुलित रखने का एक अहम तरीका है। यह अभ्यास मन को शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है। इसके लिए किसी शांत जगह बैठकर आंखें बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान दें। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से अपनाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और आप अधिक संतुलित और आरामदायक महसूस करते हैं। ध्यान लगाने से तनाव कम होता है और मन शांत रहता है।

#5

नस्य प्रक्रिया

नस्य प्रक्रिया में नाक के जरिए औषधीय तेल दिए जाते हैं, जिससे मानसिक स्पष्टता मिलती है और सिरदर्द जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इसके लिए नाक में कुछ बूंदें औषधीय तेल डालें और धीरे-धीरे सांस लें। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से अपनाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और आप अधिक संतुलित और आरामदायक महसूस करते हैं। इन सभी आयुर्वेदिक आदतों को अपनाकर आप अपने तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं।