इन जानवरों के पास नहीं होते कान, फिर भी सुनाई देती हैं हर आवाजें
क्या है खबर?
आमतौर पर जब हम जानवरों के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में सबसे पहले उनके कान आते हैं। यह इसलिए क्योंकि अधिकतर जानवरों के पास कान होते हैं, लेकिन कुछ जानवर ऐसे भी हैं, जिनके पास कान नहीं होते, लेकिन वे फिर भी सुन सकते हैं। आइए आज हम आपको पांच ऐसे जानवरों के बारे में बताते हैं, जिनके पास कान नहीं होते, लेकिन वे अजीब तरीके से सुनते हैं।
#1
छछूंदर
छछूंदर छोटे, गहरे हुए जानवर होते हैं, जो जमीन के नीचे रहते हैं और उनके पास कान नहीं होते। हालांकि, वे अपनी नाक और पैरों का इस्तेमाल करके बहुत अच्छी तरह से सुन सकते हैं। छछूंदर अपनी नाक से जमीन को छूकर ध्वनियों को महसूस करते हैं और अपने पैरों से जमीन पर होने वाले हलचल को महसूस करते हैं। इस तरह से वे अपने आसपास की आवाजों को सुन सकते हैं।
#2
कछुए
कछुए भी बिना कानों के सुन सकते हैं। इनके पास कान नहीं होते, लेकिन वे अपनी त्वचा, आंखें और नाक के जरिए ध्वनियों को महसूस करते हैं। कछुए अपने पैरों और पूंछ के जरिए भी जमीन पर होने वाली हलचल को महसूस करते हैं, जिससे उन्हें अपने आसपास की आवाजें सुनाई देती हैं। इसके अलावा कछुए पानी में भी सुन सकते हैं क्योंकि पानी में ध्वनियां बहुत तेजी से फैलती हैं और कछुए इन्हें महसूस कर सकते हैं।
#3
सांप
सांपों में भी बाहरी कान नहीं होते, लेकिन वे बहुत अच्छी तरह से सुन सकते हैं। सांप अपनी जीभ का इस्तेमाल करके ध्वनियों को महसूस करते हैं। जब सांप जीभ निकालता है तो वह हवा में मौजूद कणों को अपने मुंह से पकड़ता है, जिससे उसे आवाजें सुनाई देती हैं। इसके अलावा सांप जमीन पर चलने वाले जीवों की हलचल को भी महसूस करता है, जिससे उन्हें अपने आसपास की ध्वनियां सुनाई देती हैं।
#4
बत्तख
बत्तखों के पास भी कान नहीं होते, लेकिन वे बहुत अच्छी तरह से सुनती हैं। बत्तखें अपने सिर को हिलाकर या झुकाकर ध्वनियों का स्रोत पता लगा सकती हैं। इसके अलावा बत्तखें अपने पैरों से जमीन पर होने वाली हलचल को भी महसूस कर सकती हैं, जिससे उन्हें अपने आसपास की आवाजें सुनाई देती हैं। बत्तखें पानी में भी सुन सकती हैं क्योंकि पानी में ध्वनियां बहुत तेजी से फैलती हैं और बत्तखें इन्हें महसूस कर सकती हैं।
#5
मगरमच्छ
मगरमच्छों में भी बाहरी कान नहीं होते, लेकिन वे बहुत अच्छी तरह से सुन सकते हैं। मगरमच्छ अपनी त्वचा, आंखें और नाक के जरिए ध्वनियों को महसूस करते हैं। मगरमच्छ पानी में अपने पैरों से जमीन पर होने वाली हलचल को महसूस कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने आसपास की आवाजें सुनाई देती हैं। इस तरह ये जानवर बिना कानों के भी ध्वनियों का अनुभव कर सकते हैं और अपने जीवन में इसका पूरा इस्तेमाल करते हैं।