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भारत की प्राचीन बावड़ियों को बनाएं अपनी यात्रा का हिस्सा, मिलेंगी अनोखी कहानियां
देश की प्राचीन बावड़ियां

भारत की प्राचीन बावड़ियों को बनाएं अपनी यात्रा का हिस्सा, मिलेंगी अनोखी कहानियां

लेखन अंजली
Jul 31, 2025
09:34 am

क्या है खबर?

भारत की प्राचीन बावड़ियां न केवल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण हैं, बल्कि ये देश के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की झलक भी प्रस्तुत करती हैं। ये बावड़ियां मुख्य रूप से पानी जमा करने के लिए बनाई गई थीं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान हो सके। इन बावड़ियों में अलग-अलग तरह की वास्तुकला देखने को मिलती है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। आइए भारत की कुछ प्रमुख बावड़ियों के बारे में जानते हैं।

#1

रानी की वाव (गुजरात)

गुजरात की रानी की वाव पाटण में स्थित एक प्रसिद्ध बावड़ी है। यह 11वीं सदी में राजा बीमदेव द्वारा बनवाई गई थी। इस बावड़ी की गहराई लगभग 30 मीटर है और इसमें 7 मंजिलें हैं। हर मंजिल पर सुंदर नक्काशीदार स्तंभ और मेहराबें देखने को मिलती हैं। रानी की वाव विश्व धरोहर स्थल भी है, जहां पर्यटक इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को देख सकते हैं। यहां आकर आपको प्राचीन भारतीय वास्तुकला की झलक मिलेगी।

#2

हड़प्पा सभ्यता की बावड़ियां (पंजाब)

पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के समय की कई बावड़ियां पाई गई हैं, जो प्राचीन भारतीय समाज की जल प्रबंधन प्रणाली को दर्शाती हैं। इन बावड़ियों का निर्माण लगभग 2500 ईसा पूर्व हुआ था और ये सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा थीं। मोहनजोदड़ोरो और हड़प्पा शहरों में इन बावड़ियों का उपयोग पानी जमा करने और आपूर्ति के लिए किया जाता था। यह भारतीय इतिहास की सबसे पुरानी जल प्रबंधन प्रणाली में से एक मानी जाती है।

#3

चांद बावड़ी (राजस्थान)

राजस्थान के आभानेरी गांव में स्थित चांद बावड़ी एक अनोखी सीढ़ीदार कुआं है, जिसे 8वीं सदी में राजा चंद्र द्वारा बनवाया गया था। यह बावड़ी 13 मंजिलों तक जाती है और इसकी गहराई लगभग 30 मीटर है। यहां आने वाले पर्यटक इस बावड़ी की खूबसूरती और स्थापत्य कला को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। चांद बावड़ी राजस्थान की सबसे गहरी और विशाल बावड़ियों में से एक मानी जाती है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है।

#4

अग्रसेन की बावली (दिल्ली)

दिल्ली में स्थित अग्रसेन की बावली एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बावली 14वीं शताब्दी में बनी थी और इसे राजा अग्रसेन ने बनवाया था। इस बावली की खासियत इसकी गहरी और विशाल संरचना है, जिसमें 103 सीढ़ियां हैं। यहां की दीवारों पर सुंदर नक्काशी और मूर्तियां बनी हुई हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। यह बावली आज भी इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर खींचती रहती है और उन्हें समय के साथ-साथ यात्रा करने का मौका देती है।

#5

दादा हरिर वाव (गुजरात)

गुजरात के अहमदाबाद में स्थित दादा हरिर वाव एक अनोखी बावली है, जिसे 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इस बावली की खासियत इसकी गहरी संरचना और सुंदर वास्तुकला है, जिसमें कई मंजिलें और हर मंजिल पर सुंदर मूर्तियां बनी हुई हैं, जो इसे खास बनाती हैं। यहां की दीवारों पर भगवान विष्णु, शिव और देवी दुर्गा की मूर्तियां बनी हुई हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। यहां की बनावट बेहद सुंदर है।