
वायु प्रदूषण का मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ता है? नए अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
ये तो हम सभी छोटी कक्षा से पढ़ते आ रहे हैं कि वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन इसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ता है?
इस बारे में जानने के लिए यूनाइटेड किंगडम (UK) के शोधकर्ताओं ने एक नया अध्ययन किया है, जिसकी रिपोर्ट नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन वेबसाइट पर प्रभावित की गई है।
आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
अध्ययन के लिए 8 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड देखा गया
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने कनेक्टेड ब्रैडफोर्ड डेटाबेस से जानकारी का इस्तेमाल किया, जिसमें साल 1970 से वेस्ट यॉर्कशायर के शहर ब्रैडफोर्ड में रहने वाले 8 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड शामिल है।
शोधकर्ताओं ने खासतौर से उन 14,800 लोगों के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड देखा, जो साल 2021 की शुरूआत में ब्रैडफोर्ड में रहने आए।
शोधकर्ताओं ने इस चीज पर भी ध्यान दिया कि कितने लोग पहले से अवसाद या एंग्जायटी की दवा ले रहे हैं।
डेटा
ब्रैडफोर्ड आने से पहले 2,100 लोग ले रहे थे अवसाद या एंग्जायटी की दवा
लोगों का स्वास्थ्य डेटा देखते समय शोधकर्ताओं को पता चला कि ब्रैडफोर्ड आने से पहले 2,100 लोग अवसाद या एंग्जायटी जैसी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए दवा ले रहे थे।
इसके बाद जांच में पता चला कि जो लोग किसी तरह की दवा नहीं ले रहे थे और वे वायु प्रदूषण से प्रभावित जगहों पर रहते हैं, उनमें अन्य की तुलना में नई मानसिक स्वास्थ्य समस्या विकसित होने का 11 प्रतिशत से अधिक जोखिम था।
बयान
अध्ययन के लिए प्रत्येक क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखा- डॉक्टर मिकेल
अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉक्टर मिकेल सुबिजा पेरेज ने कहा, "इस अध्ययन के लिए हमने प्रत्येक क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखा, जिसमें आय का अभाव, रोजगार का अभाव, शिक्षा, स्वास्थ्य का अभाव और विकलांगता आदि शामिल हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे अध्ययन से यह भी साफ हो गया है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोग कई बार खराब पर्यावरणीय वातावरण वाले क्षेत्रों में जाते हैं, जो उनकी स्थिति को और खराब कर सकता है।"
अन्य अध्ययन
वायु प्रदूषण के प्रभाव पर पहले भी हुए हैं अध्ययन
इस अध्ययन से पहले दक्षिणी कैलिफोर्निया में 10 साल तक हुए एक अध्ययन से यह भी पता चला कि कम वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में जाने वाले बच्चों के फेफड़ों में सुधार हुआ, जबकि अधिक प्रदूषित स्थानों पर जाने वालों पर इसके विपरीत असर हुआ।
इसके अतिरिक्त अमेरिका में 10 लाख से अधिक बुजुर्ग लोगों के एक अध्ययन से पता चला कि अलग-अलग वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में जाने से उनके जीवन की अवधि प्रभावित हुई।