पीरियड्स क्रैंप्स से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं ये 5 योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
दुनियाभर की महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दौरान काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को पेट में दर्द और क्रैंप्स उठने लगते हैं।
इससे राहत पाने के लिए वे अक्सर दर्द निवारक दवाइयां लेती हैं। हालांकि, इससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आइए आज हम आपको 5 ऐसे योगासनों के बारे में बताते हैं, जिनका अभ्यास प्राकृतिक रूप से पीरियड्स क्रैंप्स का इलाज कर सकता है।
#1
विपरीतकरणी आसन करें
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं।
अब पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठा कर 90 डिग्री का कोण बना लें। ध्यान रखें कि आपके तलवे ऊपर की ओर ही होने चाहिए।
इसके बाद दोनों हाथों के सहारे से अपने कूल्हों को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम 2-3 मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#2
बालासन का करें अभ्यास
बालासन के अभ्यास के लिए योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#3
जानुशीर्षासन से होगा फायदा
जानुशीर्षासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं और फिर दाएं घुटने को मोड़ते हुए बाईं जांघ के सहारे लगा लें।
अब शरीर को आगे की तरफ झुकाएं और बाएं पैर के अंगूठे को दोनों हाथों से पकड़ने की कोशिश करें।
इसी मुद्रा में अपने सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें। यहां जानिए जानुशीर्षासन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
#4
बद्धकोणासन भी है प्रभावी
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। फिर पैरों को मोड़कर दोनों तलवों को आपस में मिला लें।
इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें।
कुछ सेकंड के बाद आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें। इससे आपको काफी फायदा होगा।
#5
पश्चिमोत्तानासन से भी मिलेगा आराम
सबसे पहले योग मैट पर दोनों पैरों को आपस में सटाकर आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे कि ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें।
कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।