बेहतर नींद दिलाने में मददगार हैं ये 5 योगासन, ऐसे करें अभ्यास
हर इंसान के लिए नींद महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक होती है क्योंकि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। हालांकि, कुछ लोगों को समय पर नींद नहीं आती है, जिसके लिए वह धीरे-धीरे दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं। इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको बेहतर नींद के लिए पांच योगासन और उनके अभ्यास का तरीका बताएंगे, जिन्हें आपको जरूर आजमाना चाहिए।
शवासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और आंखें बंद कर लें। अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें। इसके अलावा पैरों को भी एक-दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें। अब धीरे-धीरे सांस लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद आंखों को धीरे-धीरे खोलें। अंत में दाईं ओर करवट लेकर उठें।
बालासन
बालासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस स्थिति में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
उत्तानासन
उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। इस दौरान आपके घुटने बिल्कुल सीधे और पैर एक−दूसरे के समानांतर होने चाहिए। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।
हलासन
सबसे पहले मैट बिछाकर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
विपरीत करणी
यह योग बेहद आसान है और इसे करने से आपको जल्दी नींद आ सकती है। सबसे पहले एक दीवार के पास बैठें और फिर योगा मैट पर लेट जाएं। अब अपने कूल्हों को दीवार के पास ले जाएं और फिर पैरों को सीधा ऊपर उठाएं। इस दौरान अपने हाथों को बगल में रखें और अपना ध्यान सांस पर रखें। कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य हो जाएं।