इस दिवाली पर भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए इन 5 मंदिरों के करें दर्शन
दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है। इस दिन भगवान राम लंका नरेश रावण का वध करके माता सीता को लेकर अयोध्या वापस लौटे थे। इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान राम को भी पूजा जाता है। हालांकि, अगर आप किसी भी कारण से अपने घर में दिवाली नहीं मना पा रहे हैं तो भारत के मशहूर राम मंदिर का रुख कर सकते हैं।
अयोध्या राम मंदिर (उत्तर प्रदेश)
शायद ही कोई उत्तर प्रदेश में अयोध्या के राम मंदिर के बारे में नहीं जानता होगा। यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसे भगवान श्री राम का जन्मस्थान कहा जाता है। सरयू नहीं के तट पर बने राम मंदिर में हर साल हजारों लोग राम लला के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने यहीं पर ध्यान लगाने के बाद सरयू नदी में समाधि ली थी।
कालाराम मंदिर (महाराष्ट्र)
नासिक महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक शहर है, जो भगवान राम को समर्पित कालाराम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में स्थापित भगवान राम की 2 फीट ऊंची काली मूर्ति के कारण इस मंदिर का नाम कालाराम है। इस मंदिर का निर्माण सरदार रंगारू ओढेकर ने करवाया था, जिन्हें सपना आया था कि भगवान राम की एक काली मूर्ति गोदावरी नदी में है, जो उन्हें असल में भी नदी से ही मिली।
रामचौरा मंदिर (बिहार)
बिहार का रामचौरा मंदिर भी दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है, जो भगवान राम को समर्पित है। रामनवमी के मौके पर इस मंदिर को बहुत खूबसूरती से सजाया जाता है, जिसके कारण इस त्योहार पर मंदिर भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। यहां ऐसी पुरानी मान्यता है कि जब भगवान राम जनकपुर जा रहे थे तो वे यहां आए थे। इस वजह से भी यह देश के प्रमुख राम मंदिरों में से एक है।
रघुनाथ मंदिर (जम्मू और कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर में स्थित रघुनाथ मंदिर भी हिंदूओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जिसमें भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण की विशाल मूर्तियां स्थापित हैं। बड़ी ही भव्यता के साथ बने इस मंदिर में जाते ही आपको एक अलग अनुभव मिलेगा क्योंकि यहां की दीवारों पर रामायण और महाभारत के पात्रों की झलक देखी जा सकती है। अगर कभी जम्मू-कश्मीर जाने की योजना बनाए तो रघुनाथ मंदिर जाना न भूलें।
रामास्वामी मंदिर (तमिलनाडु)
तमिलनाडु में स्थित खूबसूरत रामास्वामी मंदिर देश के अन्य राम मंदिरों से काफी अलग है। यह मंदिर राज्य के कुंभकोणम जिले में है, जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। इसका मतलब यह हुआ कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। इस मंदिर की दीवारों पर रामायण से जुड़ी कई तस्वीरें टंगी हुई हैं। इस मंदिर की नक्काशी देखने के लिए हर साल हजारों-लाखों पर्यटक आते हैं।