बाजार से कभी न खरीदे हरे रंग वाले आलू, सेवन से हो सकते हैं ये नुकसान
क्या है खबर?
ज्यादातर सब्जियों को आलू के साथ बनाया जाता है और इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है।
हालांकि, बाजार में मिलने वाले सभी आलू समान नहीं होते। कुछ आलू हरे रंग के भी होते हैं, जो हानिकारक पदार्थों का संकेत है।
हरे रंग वाले आलू सेहत के लिए ठीक नहीं है, इसलिए बाजार से आलू खरीदते वक्त आपको सावधानी जरूर बरतनी चाहिए।
चलिए आज स्वास्थ्य टिप्स में हरे आलू के सेवन से होने वाले 5 नुकसान बताते हैं।
#1
शरीर में जा सकता है सोलानिन
आलू में हरा रंग दिखना सोलानिन के बढ़े हुए स्तर का संकेत है, जो कि एक जहरीला पदार्थ है।
अगर आप ज्यादा मात्रा में इस पदार्थ का सेवन करते हैं तो यह जहर बन जाता है, जिससे आपको मतली, उल्टी, पेट दर्द और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
यही कारण है कि आपको हरे रंग वाले आलू के सेवन से बचना जरूरी है, भले ही वो कुछ हद तक पके हुए हों।
#2
हो सकती हैं पाचन संबंधी समस्याएं
कभी-कभी ठीक आलू में 1-2 आलू हरे रंग के मिल जाते हैं, लेकिन लोग उन्हें फेंकने की बजाय इस्तेमाल कर लेते हैं।
हालांकि, ये ठीक नहीं है और आपको ऐसा करने से बचना चाहिए।
ऐसा इसलिए है क्योंकि हरे आलू खाने से सूजन, गैस और अपच जैसी कई पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
आपकी ये आदतें भी पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इन्हें करने से भी बचें।
#3
सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या
हरे आलू में पाए जाने वाला सोलानिन आपके न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित कर सकता है, जिससे सिर में दर्द हो सकता है और इसकी तीव्रता भी अधिक होती है। इसके साथ ही सेवन से आपको चक्कर आने जैसी समस्या भी हो सकती हैं।
ये दोनों ही समस्याएं होने से आपका मूड खराब रह सकता है और तकलीफ हो सकती है, इसलिए बचाव के लिए हरे आलू के सेवन से बचें।
यहां जानिए विभिन्न प्रकार के सिरदर्द में अंतर के बारे में।
#4
कैंसर का खतरा
हरे आलू में सोलानिन के अलावा क्लोरोफिल की भी मात्रा होती है। यह सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है।
इसके सेवन से कई बार कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी हो सकता है, इसलिए बेहतर यही है कि आप हरे आलू के सेवन से बचें।
बाजार से आलू खरीदते वक्त इन बातों को भी ध्यान में रखें। इससे आपको सही आलू चुनने में काफी मदद मिलेगी।
#5
रोशनी के प्रति संवेदनशीलता में हो सकती है वृद्धि
हरे आलू में मौजूद सोलानिन को रोशनी के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता से भी जोड़ा गया है, जिसे 'फोटोटॉक्सिसिटी' कहते हैं।
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर व्यक्ति सनबर्न या अन्य चीजों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है।
ऐसे लोगों को घर के अंदर ही रहने और सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर उचित सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।