नवंबर में आने वाले हैं ये 5 त्योहार, जानिए इनका महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
हमारे देश की विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है, जो देशवासियों को आपस में जोड़े रखती है। यहां विभिन्न अनुष्ठान और परंपराएं निभाई जाती हैं, जो कई तरह के अनोखे त्योहारों को जन्म देती हैं। हर महीने की तरह नवंबर में भी कई त्योहार पड़ते हैं, जिनका अपना महत्व होता है। आइए आज के लेख में जानते हैं कि इस महीने में कौन-कौन से पर्व मनाए जाते हैं। साथ ही हम आपको इन सभी की तारीख और महत्व भी बताएंगे।
#1
गुरु नानक जयंती
नवंबर में गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी, जो सिख धर्म का सबसे अहम पर्व है। इसे 'प्रकाश पर्व' और 'गुरुपर्व' भी कहता हैं, जो 5 नवंबर को पड़ रहा है। इसे सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन 48 घंटे का अखंड पाठ किया जाता है, लंगर का आयोजन होता है और नगर कीर्तन होते हैं। इस दिन गुरु देव जी की शिक्षाओं को याद भी किया जाता है।
#2
गंगा मोहत्सव
हर साल वाराणसी में 5 दिनों तक एक त्योहार मनाया जाता है, जिसे गंगा मोहत्सव कहते हैं। हालांकि, इस साल यह पर्व केवल 3 दिन चलेगा, जो 6 नवंबर से शुरू हो कर 8 को खत्म हो जाएगा। यह गंगा मां को समर्पित त्योहार है, जिसके दौरान लोग श्रद्धा भाव से उनकी पूजा करते हैं। घाट किनारे गंगा आरती की जाती है और हजारों दीप जलाए जाते हैं। अंतिम दिन देव दीपावली मनती है, जिसका नजारा देखने लायक होता है।
#3
बाल दिवस
देशभर के बच्चों को पूरे साल 14 नवंबर का इंतजार रहता है, क्योंकि इस दिन बाल दिवस मनता है। यह प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनता है, जिन्हें बच्चे प्यार से 'चाचा नेहरू' कहते थे। इस दिन सभी स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नाचना, गाना और जश्न मनाना शामिल होता है। यह पर्व बाल कल्याण, अधिकार और शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने का भी दिन होता है।
#4
कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है, जो कार्तिक हिंदू माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसे 'देवों की दिवाली' भी कहते हैं, जो 5 नवंबर को है। यह कार्तिक के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक होता है। इसे राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की विजय, भगवान विष्णु के पहले अवतार मत्स्य और भगवान कार्तिकेय के जन्म के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पूजा की जाती है।
#5
रण उत्सव
नवंबर में एक अहम गुजराती पर्व भी जश्न भी चलता है, जिसे रण उत्सव कहते हैं। यह कच्छ की जीवंत संस्कृति का जश्न मनाने वाला एक वार्षिक उत्सव है। यह त्योहार 23 अक्टूबर 2025 को शुरू हुआ था 4 मार्च 2026 तक चलने वाला है। इसके दौरान कच्छ के सफेद रेगिस्तान में मेला लगता है, जिसमें पारंपरिक हस्तशिल्प की कई दुकानें लगती हैं। साथ ही इसके दौरान लोक संगीत और नृत्य का भी आनंद लिया जा सकता है।
