
भारत के जंगलों में पाए जाते हैं ये 5 पक्षी, जिनका दिखना मुश्किल
क्या है खबर?
भारत के जंगलों में कई तरह के पक्षी पाए जाते हैं, जिनकी आवाजें बहुत सुंदर होती हैं। हालांकि, कुछ पक्षी ऐसे भी हैं, जिन्हें देखना मुश्किल होता है। इन पक्षियों की आवाजें सुनकर ही पता चलता है कि वे वहां मौजूद हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे पक्षियों के बारे में बताते हैं, जिनकी आवाजें बहुत सुंदर हैं, लेकिन उन्हें देखना मुश्किल होता है। ये पक्षी रात में ज्यादा सक्रिय रहते हैं और दिन में छिपे रहते हैं।
#1
जेर्डन का कौरसर
जेर्डन का कौरसर भारत के आंध्र प्रदेश के जंगलों में पाया जाने वाला एक दुर्लभ पक्षी है। यह पक्षी ज्यादातर रात के समय सक्रिय रहता है और अपनी आवाज से ही पहचाना जा सकता है। जेर्डन का कौरसर दिखने में अनोखा है, लेकिन इसे देखना मुश्किल होता है क्योंकि यह घने झाड़ियों और घास के बीच छिपा रहता है। इसे बचाने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं।
#2
फॉरेस्ट ओव्लेट
फॉरेस्ट ओव्लेट एक ऐसा पक्षी है, जिसकी आवाज सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यह पक्षी रात में सक्रिय रहते है और अपने अनोखे गीत से जंगल को गूंजाते है। हालांकि, इसे देखना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि यह दिनभर पेड़ों की शाखाओं पर छिपे रहते है। इस पक्षी की आवाज सुनकर मन को शांति मिलती है और यह जानकर खुशी होती है कि ऐसे सुंदर आवाज वाले पक्षी हमारे जंगलों में मौजूद हैं।
#3
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भारत की सबसे बड़ी जमीन पर रहने वाली चिड़िया मानी जाती है। यह पक्षी राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पाया जाता है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अपनी लंबी टांगों और बड़े शरीर के लिए जाना जाता है। इस पक्षी की संख्या बहुत कम हो गई है इसलिए इसे बचाने की कोशिशें जारी हैं। इस पक्षी की आवाज भी बहुत खास होती है, जो इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है।
#4
हिमालयन क्वेल
हिमालयन क्वेल भारत के हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली एक छोटी चिड़िया है। यह पक्षी ज्यादातर घने झाड़ियों या घास के बीच छिपा रहता है इसलिए इसे देखना मुश्किल होता है। हिमालयन क्वेल अपनी खास आवाज के कारण पहचाना जाता है, जो इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है। इसके अलावा इस पक्षी का संरक्षण भी बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी संख्या तेजी से घट रही है।
#5
टौनी आउल
टौनी आउल भारत के विभिन्न हिस्सों में पाए जाने वाला एक बड़ा उल्लू है, जो अपनी खास आवाज के लिए जाना जाता है। यह उल्लू ज्यादातर रात के समय सक्रिय रहता है और अपने घने जंगलों में छिपा रहता है। टौनी आउल की पहचान इसकी खास आवाज से होती है, जो इसे अन्य उल्लुओं से अलग बनाती है। इसे बचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इसकी संख्या बढ़ाई जा सके।