केरल के वायनाड में स्थित हैं ये 5 खूबसूरत पर्यटन स्थल, छुट्टियों में घूम आएं
वायनाड केरल के पश्चिमी घाट में लगभग 700-1,200 मीटर की ऊंचाई पर बसा एक आकर्षक हिल स्टेशन है, जो कोहरे से ढके पहाड़, शांत नदियों, चाय-कॉफी के बागान और मसालों के बागान के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह कुछ प्राचीन गुफाओं और मंदिरों का घर है और इनसे कोई न कोई दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है, जो आपको इतिहास के पन्ने पलटने पर मजबूर कर सकती हैं। आइए आज वायनाड के 5 प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं।
बाणासुर सागर बांध
बाणासुर सागर बांध उन लोगों के बीच लोकप्रिय है, जो हरियाली के बीच कुछ समय आराम से बिताना चाहते हैं। बाणासुरा पीक के घने जंगलों तक पैदल यात्रा के साथ-साथ झील पर नाव चलाना भी एक बेहतरीन विकल्प है। वहां जाकर आपको राजसी पहाड़ियां, कल-कल करते झरने और विविध वनस्पतियां और जीव-जंतु देखने को मिल सकते हैं। अपने कैमरे को अपने साथ ले जाना याद रखें ताकि आप इस जगह के मनोरम दृश्यों को कैद कर सकें।
एडक्कल गुफाएं
एडक्कल गुफाएं भारत में एकमात्र ऐसी संरचना है, जिनमें लगभग 8000 साल पुरानी नक्काशी है। वहां मौजूद गुफाएं समुद्र तल से 3,937 फीट ऊपर अंबुकुथी पहाड़ियों पर स्थित हैं और इसके प्रवेश द्वार तक पहुंचने से पहले व्यक्ति को लगभग 2 घंटे तक ट्रेकिंग करनी पड़ती है। पर्यटकों के अलावा मानव आकृतियों और जानवरों की नक्काशी का अध्ययन करने में रुचि रखने वाले इतिहास प्रेमी और पुरातत्व के छात्र भी इन रहस्यमयी गुफाओं में आते हैं।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल में नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का एक अभिन्न अंग है। यह लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने वाला केरल का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य भी है। वहां के प्रमुख वन्यजीव आकर्षण बाघ, हाथी, लंगूर, बोनट मकाक, मगरमच्छ, द्वि-रंग के मेंढक, रामनेला आदि हैं। वहां की लोकप्रिय पक्षी प्रजातियां उल्लू, काला कठफोड़वा, बब्बलर, कोयल और जंगल फाउल हैं। इस अभ्यारण्य में जंगल सफारी करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक है।
इरुप्पु झरना
राजसी पश्चिमी घाट से घिरा इरुप्पु झरना या लक्ष्मण तीर्थ झरना भी वायनाड में घूमने के लिए एक आकर्षक जगह है। यह जगह हरियाली और शांत वातावरण में पक्षियों की मधुर चहचहाहट से भरी हुई है। इरुप्पु झरना का संबंध रामायण की पौराणिक कहानी से भी है। कहा जाता है कि यह झरना दैवीय शक्तियों से संपन्न है और इसके पानी में डुबकी लगाने से आपके पाप धुल जाते हैं।
तिरुनेल्ली मंदिर
थिरुनेल्ली मंदिर केरल के सबसे प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्वयं भगवान ब्रह्मा ने स्थापित की थी। घनी ब्रह्मगिरि पहाड़ियों के बीच स्थित इस मंदिर में कई तीर्थयात्री पापनाशिनी धारा के तट पर पैतृक संस्कार और अन्य अनुष्ठान करने के लिए आते हैं। यह भी माना जाता है कि धारा की दिव्य शक्ति सभी पापों को धो देती है।