
बेहद अनोखा जीव है एक्सोलोटल, जानिए इससे जुड़े 5 हैरान कर देने वाले तथ्य
क्या है खबर?
एक्सोलोटल एक अनोखा जीव है, जो अपनी खासियतों के कारण दुनिया भर में जाना जाता है। यह जीव अपने सिर पर मौजूद अंग के कारण 'सालामैंडर' की तरह दिखता है, लेकिन यह वास्तव में अलग है। यह जीव पानी के नीचे जीवन बिताता है और अपनी खास क्षमताओं के लिए पहचाना जाता है। आइए आज हम आपको एक्सोलोटल से जुड़े कुछ हैरान कर देने वाले तथ्य बताते हैं।
#1
पानी के नीचे जीवन बिताने वाला अनोखा जीव है एक्सोलोटल
एक्सोलोटल एक ऐसी प्रजाति है, जो पानी के नीचे ही अपना जीवन बिताती है। यह न केवल पानी में रहता है, बल्कि अपनी सारी गतिविधियों को पानी के अंदर ही करता है। यह जीव अपने शरीर के अंगों को दोबारा विकसित करने में सक्षम होता है, जिससे वह अन्य जीवों से अलग है। इस खासियत के कारण वैज्ञानिक इसे 'वंडरफुल सैल' भी कहते हैं।
#2
अपने अंगो को दोबारा उगा सकता है ये जीव
एक्सोलोटल की सबसे खास बात इसकी अंग पुनर्निर्माण क्षमता है। यह जीव अपने खोए हुए अंगों को दोबारा विकसित कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर इसका कोई पैर या पूंछ कट जाए तो कुछ ही समय में यह उसे वापस उगा सकता है। यह खासियत अन्य किसी जानवर में देखने को नहीं मिलती है। वैज्ञानिक इस विशेषता पर गहन शोध कर रहे हैं ताकि मानव शरीर में भी इसका उपयोग किया जा सके।
#3
सांस लेने का तरीका है अनोखा
एक्सोलोटल सांस लेने के लिए अपने गले पर मौजूद अंग का उपयोग करता है। ये अंग पानी से ऑक्सीजन अवशोषित करती हैं, जिससे यह जीव जीवित रहता है। यह तरीका बहुत ही अनोखा और प्रभावी है क्योंकि इससे एक्सोलोटल बिना किसी कठिनाई के अपने पूरे जीवनकाल में ऑक्सीजन प्राप्त कर सकता है। यही कारण है कि ये जीवन लंबे समय तक जीवित रहता है।
#4
भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहता है एक्सोलोटल
एक्सोलोटल शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के खाने का सेवन कर सकता है। ये छोटे-छोटे जीव जैसे कि कीड़े-मकोड़े आदि इनका मुख्य आहार होते हैं। इसके अलावा ये छोटी मछलियों और अन्य जल जीवों को भी खाते हैं। इनकी भूख बहुत तेज होती है इसलिए ये लगातार खाना खाते रहते हैं। इस प्रकार इनकी खाने की प्रणाली बहुत ही अनोखी और प्रभावी है, जिससे ये अपने जीवनकाल में स्वस्थ रहते हैं।
#5
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता है इस्तेमाल
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक्सोलोटल बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इसकी अंग पुनर्निर्माण क्षमता पर गहन शोध किया जाता है ताकि मानव शरीर में भी इसका उपयोग किया जा सके। इसके अलावा इसके द्वारा विकसित अंगों का अध्ययन करके नई चिकित्सा पद्धतियां विकसित की जा रही हैं। इस प्रकार एक्सोलोटल न केवल अपने अनोखे गुणों द्वारा आकर्षण पैदा करता है बल्कि मानवता के लिए कई अहम जानकारियां भी प्रदान करता है।