कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है कालमेघ, जानिए इसके 5 प्रमुख फायदे
आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में कई जड़ी-बूटियां शामिल हैं। इनमें से कालमेघ भी है, जिसके सेवन से कई शारीरिक लाभ मिलते हैं। यह स्वाद में करेले से भी ज्यादा कड़वी होती है इसलिए इसे 'किंग ऑफ बिटर' भी कहा जाता है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जिसकी वजह से सदियों से इसका इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए होता आ रहा है। आइये आज स्वास्थ्य टिप्स में कालमेघ के 5 जबरदस्त फायदे जानते हैं।
सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने में है मददगार
कालमेघ में एंटी-माइक्रोबियल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होते हैं, जो इसे सामान्य सर्दी से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके सेवन से तेज बुखार, खांसी, बहती नाक और गले में खराश जैसी समस्याओं से जल्द राहत मिलती है। लाभ के लिए आप कालमेघ की पत्तियों को पानी में डालकर देर तक उबाल लें। इसके बाद इस पेय के ठंडा होने के बाद पी लें। आप चाहें तो इसके पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
पाचन क्रिया में करता है सुधार
अगर आप अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहते हैं तो आपको नियमित रूप से कालमेघ का सेवन करना चाहिए। इस प्राकृतिक जड़ी-बूटी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और लैक्सेटिव गुण मौजूद होते हैं, जो पाचन क्रिया में सुधार करता है। नियमित रूप से इसके सेवन से कब्ज, पेट में दर्द, सूजन और भूख न लगने की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। पाचन क्रिया में सुधार के लिए इन घरेलू नुस्खों को भी आपनाएं।
लीवर के स्वास्थ्य में करें सुधार
अगर आपको लीवर से संबंधित कोई समस्या है तो इलाज के लिए कालमेघ की पत्तियों का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लीवर को कई तरह की बीमारियों के जोखिम से बचाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा इसमें ग्लूटाथिओन मौजूद होता है, जो एंटी-ऑक्सीडेंट गुण की तरह काम करके फैटी लीवर की समस्या से बचाने में सहायक साबित हो सकता है। यह विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है और लीवर को सुरक्षित रखता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी सहायक
कालमेघ की पत्तियां कई ऐसे पोषक तत्वों से समृद्ध होती हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और विटामिन-E की मात्रा अधिक होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता की देखभाल और विकास के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। इसके अलावा इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण भी पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में काफी मदद करता है।
मधुमेह के जोखिम को कम करने में है कारगर
जब पाचन ग्रंथियों में इंसुलिन हार्मोन का बनना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे मधुमेह की समस्या उत्पन्न होती है। इसके जोखिम को कम करने में कालमेघ की पत्तियां काफी मदद कर सकती हैं। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो खून में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। अपनी डाइट में मधुमेह के अनुकूल इन सब्जियों को शामिल करें।