लद्दाख: थिकसे मठ की यात्रा में शामिल करें ये 5 गतिविधियां, मिलेगा यादगार अनुभव
लद्दाख के थिकसे मठ की यात्रा एक अनोखा अनुभव है। यह मठ लेह से लगभग 19 किलोमीटर दूर स्थित है और समुद्रतल से 3,600 मीटर की ऊंचाई पर है। इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था और यह तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुगपा संप्रदाय से संबंधित है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल धार्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद लेते हैं। थिकसे मठ वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
बुद्ध प्रतिमा के दर्शन करें
थिकसे मठ में स्थित विशाल बुद्ध प्रतिमा देखने योग्य है। यह प्रतिमा लगभग 15 मीटर ऊंची है और इसे मैत्रेय बुद्ध के रूप में जाना जाता है। इस प्रतिमा को देखने से मन को शांति मिलती है और ध्यान करने का अवसर मिलता है। यहां आने वाले पर्यटक इस प्रतिमा के सामने बैठकर ध्यान कर सकते हैं और अपने मन को शांत कर सकते हैं।
प्रार्थना सभाओं में भाग लें
थिकसे मठ में नियमित रूप से प्रार्थना सभाएं आयोजित होती हैं। इनमें भाग लेना एक अनोखा अनुभव है। इन सभाओं में बौद्ध भिक्षु मंत्रों का उच्चारण करते हैं, जो सुनने में बहुत ही सुकून देने वाला है। पर्यटक इन प्रार्थना सभाओं में शामिल होकर बौद्ध धर्म की गहराइयों को समझ सकते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। यहां की प्रार्थना सभाएं आपको एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं।
संग्रहालय का भ्रमण करें
थिकसे मठ परिसर में एक संग्रहालय भी स्थित है, जहां आप तिब्बती कला, संस्कृति और इतिहास की झलक पा सकते हैं। इस संग्रहालय में विभिन्न प्रकार की मूर्तियां, पेंटिंग्स, हस्तलिखित ग्रंथ आदि प्रदर्शित किए गए हैं, जो तिब्बती संस्कृति को दर्शाते हैं। यहां आकर आप तिब्बती जीवनशैली को करीब से देख सकते हैं और उनके सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में जान सकते हैं। यह तिब्बती परंपराओं और उनके समृद्ध इतिहास को समझने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
सूर्योदय या सूर्यास्त देखें
थिकसे मठ से सूर्योदय या सूर्यास्त देखना एक यादगार अनुभव है। सुबह-सुबह या शाम के समय जब सूरज उगता या डूबता है तो आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है, जो देखने लायक है। इस समय आप अपने कैमरे से खूबसूरत तस्वीरें खींच सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का यह दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा और आपके यात्रा अनुभव को और भी खास बना देगा।
स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लें
मठ परिसर के पास कई छोटे-छोटे कैफे और रेस्टोरेंट्स हैं, जहां आप स्थानीय लद्दाखी व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं जैसे कि मोमो, थुक्पा आदि। ये व्यंजन न केवल स्वादिष्ट हैं बल्कि आपको स्थानीय संस्कृति से भी जोड़ते हैं। खान-पान के साथ आप वहां बैठकर आसपास के नजारों का भी आनंद ले सकते हैं। इस प्रकार थिकसे मठ की यात्रा आपके लिए एक यादगार अनुभव साबित हो सकती है।