
महाराष्ट्र में हड़ताल पर क्यों गए लाखों डॉक्टर, होम्योपैथी बनाम एलोपैथी का मामला क्या है?
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के करीब 1.80 लाख ऐलोपैथिक डॉक्टर आज 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। इस दौरान राज्य के सैकड़ों अस्पतालों में आपातकालीन और गहन चिकित्सा सेवा (ICU) को छोड़कर OPD, ऑपरेशन थिएटर और नियमित स्वास्थ्य सेवाएं बंद हैं। डॉक्टरों का विरोध राज्य सरकार के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें होम्योपैथिक डॉक्टरों को आधुनिक फार्माकोलॉजी का सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण की अनुमति दी गई है।
वजह
क्यों हड़ताल कर रहे हैं डॉक्टर?
दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने होम्योपैथिक डॉक्टरों को राज्य मेडिकल काउंसिल (MMC) में रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी है। वे होम्योपैथिक डॉक्टर जिन्होंने आधुनिक फार्माकोलॉजी में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स किया है, उन्हें MMC में पंजीकृत किया जाएगा। इसके बाद होम्योपैथिक डॉक्टर भी सीमित मामलों में मरीजों को एलोपैथिक दवाएं लिख सकेंगे। जुलाई में भी सरकार ने इसी तरह का आदेश जारी किया था, जिसे विरोध के बाद वापस ले लिया गया था।
डॉक्टर
विरोध के पीछे एलोपैथिक डॉक्टरों का क्या कहना है?
भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉक्टर संतोष कदम ने कहा कि प्रमाणित होम्योपैथ्स के रजिस्ट्रेशन का यह निर्णय मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चिकित्सा क्षेत्र में भ्रम फैला रही है और यह कदम 'क्वैक प्रैक्टिस' को बढ़ावा देगा। डॉक्टरों का कहना है कि यह कदम चिकित्सा प्रणाली को कमजोर करेगा और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होगा।
धमकी
डॉक्टरों ने देशव्यापी आंदोलन की दी धमकी
अखिल भारतीय चिकित्सा संघों के महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर अक्षय डोंगरदिवे ने कहा कि अगर सरकार फैसला वापस नहीं लेती है, तो डॉक्टर देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे एक पत्र में IMA की महाराष्ट्र इकाई ने कहा, "इस फैसले से अपर्याप्त प्रशिक्षित व्यक्तियों को मरीजों का इलाज करने की अनुमति मिल जाएगी और इससे गलत निदान, प्रतिकूल प्रतिक्रिया, एंटीबायोटिक प्रतिरोध और खासकर ग्रामीण इलाकों में मरीजों की मौत हो सकती है।"
टाइमलाइन
विवाद को लेकर कब-क्या हुआ?
2014 में महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र होम्योपैथिक मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट और महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल एक्ट में संशोधन किया था। इससे होम्योपैथी डॉक्टरों को एलोपैथी प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल गई। हालांकि, विरोध के बाद ये फैसला वापस ले लिया गया। 2016 में महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (MUHS) ने एक साल के CCMP कोर्स शुरू किया। इसके बाद पहले जुलाई और फिर 5 सितंबर, 2025 को सरकार ने एक आदेश जारी कर होम्योपैथी डॉक्टरों का पंजीयन शुरू करने का निर्देश दिया।