
विष्णु मूर्ति मामले में CJI बीआर गवई की सफाई, बोले- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं
क्या है खबर?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने मध्य प्रदेश के विष्णु मूर्ति मामले में की गई टिप्पणी के बाद उपजे विवाद पर गुरुवार को अपनी सफाई दी। उन्होंने एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर आई थी, लेकिन उनका इरादा किसी का अनादर करने का नहीं था, वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को 'अनियंत्रित घोड़ा' कहा, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल है।
विवाद
CJI ने सुनवाई के दौरान क्या दी सफाई?
CJI ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा, "किसी ने मुझे बताया कि मैंने जो टिप्पणियां की थीं, वो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी गई हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। मेरा कोई अनादर करने का इरादा नहीं था।" सोशल मीडिया पर टिप्पणियों की आलोचना करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "न्यूटन के नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब प्रत्येक क्रिया की सोशल मीडिया पर असमान प्रतिक्रिया होती है।"
विवाद
CJI ने विष्णु मूर्ति को लेकर पहले क्या कहा था?
मंगलवार 16 सितंबर को CJI की अगुवाई वाली पीठ ने मध्य प्रदेश के जावरी मंदिर में 7 फुट ऊंची सिर कटी विष्णु मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। मूर्ति खजुराहो स्मारक समूह का हिस्सा है। CJI ने कहा था, "जाओ और देवता से कुछ करने को कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो। तो जाओ और प्रार्थना करो। यह पुरातात्विक स्थल है, इसलिए ASI अनुमति देगा। माफ करना।"
जानकारी
CJI की टिप्पणी से मचा था बवाल
CJI की टिप्पणी सोशल मीडिया पर आने के बाद लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और आलोचना शुरू हो गई। उन्हें हटाने की मांग की गई। कई वकीलों ने CJI को पत्र लिखकर उनसे स्पष्टीकरण जारी करने और टिप्पणी वापस लेने का अनुरोध किया था।