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कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्यों रद्द किए OBC प्रमाण पत्र, क्या है मामला?
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2010 के बाद जारी सभी OBC प्रमाण पत्र रद्द कर दिए हैं

कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्यों रद्द किए OBC प्रमाण पत्र, क्या है मामला?

लेखन आबिद खान
May 23, 2024
10:31 am

क्या है खबर?

कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य में 2010 के बाद जारी सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया है। इसे ममता बनर्जी की सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि अब कोई भी नए प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएंगे। जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथर की पीठ ने कहा कि प्रशासन ने किसी नियम का पालन किए बगैर प्रमाण पत्र जारी कर दिए थे।

फैसला

कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?

कोर्ट ने कहा, "राज्य में सेवाओं और पदों में रिक्तियों में 2012 के एक अधिनियम के तहत ऐसा आरक्षण गैरकानूनी है। जिन वर्गों का OBC दर्जा हटाया गया है, उसके सदस्य अगर पहले से ही सेवा में हैं या आरक्षण का लाभ ले चुके हैं या किसी चयन प्रक्रिया में सफल हो चुके हैं तो वे इस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे। राजनीतिक उद्देश्य के लिए कुछ वर्गों को OBC आरक्षण दिया गया। यह लोकतंत्र और समुदाय का अपमान है।"

कोर्ट

कोर्ट ने ममता सरकार को फटकारा

कहा कि कहा, "इन समुदायों को आयोग ने जल्दबाजी में इसलिए आरक्षण दिया, क्योंकि ये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चुनावी वादा था। सत्ता में लौटते ही इस वादे को पूरा करने के लिए असंवैधानिक तरीके से आयोग ने आरक्षण की रेवड़ियां बांटीं। पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह माने बगैर OBC प्रमाण पत्र देना असंवैधानिक है। राज्य की विधानसभा को यह तय करना है कि OBC कौन होगा। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग को OBC की सूची निर्धारित करनी है।"

मामला

क्या है मामला?

2010 में पश्चिम बंगाल में पिछड़े मुस्लिमों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई थी। इसके बाद राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 42 समुदायों को OBC के रूप में अनुशंसित किया, इनमें से 41 समुदाय मुस्लिम थे। इसके खिलाफ 2011 में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें दावा किया गया कि 2010 के बाद दिए गए सभी OBC प्रमाण पत्र 1993 के पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम को दरकिनार कर जारी किए गए हैं।

ममता

फैसले पर ममता बनर्जी ने क्या कहा?

ममता ने कहा, "मैं इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। सरकार ने घर-घर सर्वेक्षण करने के बाद विधेयक बनाया था और उसे मंत्रिमंडल और विधानसभा ने पारित किया था। कुछ लोग OBC के हितों पर कुठाराघात करने के लिए कोर्ट गए और उन्होंने याचिकाएं दायर कीं। इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश भाजपा के पक्ष में है। इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। OBC के लिए आरक्षण जारी रहेगा।"

शाह

अमित शाह बोले- सुनिश्चित करेंगे कि फैसला लागू हो

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "ममता बनर्जी पिछड़े वर्गों का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देना चाहती हैं। मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। ममता जी का कहना है कि वे हाई कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी। मैं बंगाल के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसा कोई मुख्यमंत्री हो सकता है, जो कहे कि कोर्ट का फैसला न माने। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोर्ट का फैसला लागू हो।"