प्रधानमंत्री मोदी की 'विकसित भारत 2047' योजना क्या है और क्या है इसका उद्देश्य?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में अप्रैल-मई, 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनने पर 'विकसित भारत 2047' दृष्टिकोण पर चर्चा हुई।
इस बैठक को मौजूदा सरकार की मंत्री परिषद की अंतिम बैठक भी कहा जा रहा है।
आइए जानते हैं क्या है प्रधानमंत्री मोदी की 'विकसित भारत 2047' योजना और इसका उद्देश्य क्या है।
विकसित भारत
क्या है विकसित भारत 2047?
दरअसल, ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के ठीक 100 साल बाद यानी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए केंद्र सरकार ने 'विकसित भारत 2047' का एक रोडमैप तैयार किया है।
नीति आयोग को 'विकसित भारत 2047' के लिए 10 क्षेत्रीय विषयगत दृष्टिकोणों को मिलाकर एक संयुक्त दृष्टि-पत्र तैयार करने का कार्य सौंपा गया था।
इसका लक्ष्य भारत को नवाचार एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश बनाना है।
तैयार
इसे कैसे तैयार किया गया?
हिंदुस्तान टाइम्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि 'विकसित भारत' का रोडमैप 2 साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है।
इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज के साथ व्यापक परामर्श को शामिल कर 'संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण शामिल है।
इसके लिए विभिन्न स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए।
इसके अलावा 20 लाख युवाओं और वैज्ञानिकों के भी सुझाव लेने के बाद यह दृष्टिपत्र तैयार हुआ।
उद्देश्य
क्या है विकसित भारत 2047 का उद्देश्य?
इसका उद्देश्य 2027-28 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है और 2047 तक इसे विकसित देश का दर्जा प्राप्त कराना है।
इस दृष्टिकोण में विकास के विभिन्न पहलू शामिल हैं, जिनमें आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्य, जीवनयापन में आसानी, व्यापार करने में आसानी, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कई अवसरों पर कहा है कि विकसित भारत दृष्टिकोण का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को अर्थव्यवस्था में भाग लेने में सक्षम बनाना है।
तरीका
2047 तक विकसित भारत कैसे बनेगा?
इसके लिए मंत्री परिषद की बैठक में तमाम मंत्रालयों की तरफ से पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने बताया था कि एक विकसित देश बनने के लिए 7-8 प्रतिशत से अधिक वार्षिक वृद्धि की आवश्यकता है।
विकसित अर्थव्यवस्था के लिए प्रति व्यक्ति सालाना आय 10,77,428 रुपये या उससे अधिक होनी चाहिए, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय इस वक्त 2,23,787 रुपये है। इसका मतलब प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर 5 गुनी करनी होगी।
कारक
कौन से कारक भारत की आर्थिक वृद्धि में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं?
RBI के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए शासन में सुधार और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।
राजन ने समाज के सभी वर्गों में संतुलित विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे निम्न आय वर्ग के लोगों में भी खरीद की ताकत बढ़े। फिलहाल उच्च आय वर्ग के लोगों की उपभोग करने की क्षमता पहले से मजबूत हो रही है।
बैठक
बैठक में और क्या हुआ?
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को हुई मंत्री परिषद की एकदिवसीय बैठक में नई सरकार बनने के बाद उठाए जाने वाले तत्काल कदमों के 100 दिन के एजेंडे पर विचार-विमर्श किया, ताकि इसका त्वरित क्रियान्वयन हो सके।
न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान विकास को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की।