#NewsBytesExplainer: सत्यपाल मलिक से CBI ने की पूछताछ, क्या है रिश्वत की पेशकश का मामला?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज पूछताछ की। मामला जम्मू-कश्मीर में बीमा घोटाले और किरू हाइडल पावर प्रोजेक्ट में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस मामले में CBI एक बार पहले भी मलिक से पूछताछ कर चुकी है। बता दें कि इस मामले में CBI ने एक साल पहले FIR दर्ज की थी और अब तक कई राज्यों में छापे मार चुकी है। समझते हैं पूरा मामला क्या है।
कैसे हुई मामले की शुरुआत?
सबसे पहले तो समझिए कि ये मामला 2 अलग-अलग मामलों से जुड़ा हुआ है। एक मामला जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों के लिए बीमा योजना में कथित भ्रष्टाचार का है। दूसरा मामला किरू हाइडल पावर प्रोजेक्ट के सिविल कामों के लिए एक निजी फर्म को ठेका देने के दौरान टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता का है। यहां खास बात ये है कि इन दोनों कथित घोटालों का खुलासा खुद मलिक ने ही किया था।
सरकारी कर्मचारियों के बीमे से जुड़ा घोटाला क्या है?
साल 2017 में जम्मू-कश्मीर सरकार ने कर्मचारियों के बीमे के लिए ट्रिनिटी रिइंश्योरेंस ब्रोकर प्राइवेट लिमिटेड को मध्यस्थ बनाया। इस कंपनी ने बीमे के लिए पहले एक टेंडर निकाला, जिसमें कम आवेदन आने पर दोबारा टेंडर निकाला गया। इस दौरान 7 कंपनियों ने बोली लगाई। ये टेंडर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को मिला, जिसने सालाना 8,777 रुपये की बोली लगाई थी। अक्टूबर, 2018 में रिलायंस ने बीमे का काम शुरू कर दिया।
बीमे की योजना पर क्यों उठे सवाल?
आरोप है कि टेंडर की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया। पहली बार जब टेंडर निकाला गया तो कम कंपनियों ने आवेदन दिए थे। जब दोबारा टेंडर लाया गया तो नियमों में ढील दी गई। BBC ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 15 अक्टूबर, 2018 को इस संबंध में वित्त विभाग, ट्रिनिटी रिइंश्योरेंस और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के बीच समझौता हुआ था, लेकिन इससे पहले ही रिलायंस को प्रीमियम की पहली किस्त जारी की गई।
मामले में CBI की एंट्री कैसे हुई?
23 मार्च, 2022 को जम्मू-कश्मीर के उपसचिव डॉ मोहम्मद उस्मान खान ने CBI को पत्र लिख मामले की जांच करने का अनुरोध किया। इस शिकायत पर CBI ने 19 अप्रैल को मामला दर्ज किया। CBI ने FIR में कहा कि जम्मू-कश्मीर के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है और इससे राज्य के सराकरी खजाने को नुकसान पहुंचा है। CBI ने ट्रिनिटी रिइंश्योरेंस, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और एक अज्ञात व्यक्ति को अभियुक्त बनाया।
किरू हाइडल पावर प्रोजेक्ट वाला मामला क्या है?
किरू हाइडल पावर प्रोजेक्ट के तहत किए जाने वाले सिविल कार्यों के लिए 2,200 करोड़ रुपये का टेंडर निकला था। ये टेंडर पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को मिला। इसमें भी भ्रष्टाचार और टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगे। 20 अप्रैल, 2022 को इस मामले में CBI ने FIR दर्ज की, जिसमें चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन चेयरमैन नवीन कुमार, प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, निदेशक एम के मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के नाम थे।
मामले में सत्यपाल मलिक की एंट्री कैसे हुई?
जिस वक्त ये दोनों घोटाले हुए, उस वक्त मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल रहते इन दोनों मामलों की फाइल उनके पास आई थी और इन फाइलों को पास करने के बदले में उन्हें 300 करोड़ रुपये देने की पेशकश की गई थी। हालांकि, मलिक ने फाइलों को पास करने से इनकार कर दिया था। मलिक ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी लोग उनसे ये दोनों फाइलें पास करवाना चाहते थे।
CBI पहले भी कर चुकी है मलिक से पूछताछ
इस मामले में CBI मलिक से अक्टूबर, 2022 में भी पूछताछ कर चुकी है। 21 अप्रैल को CBI ने दोबारा मलिक को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। ये नोटिस ऐसे वक्त भेजा गया, जब मलिक एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने पुलवामा हमले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई खुलासे किए हैं। दोनों मामलों में CBI कई राज्यों में छापेमारी कर चुकी है।