क्या है दुबई एयर शो, जहां दुर्घटनाग्रस्त हुआ भारत का तेजस लड़ाकू विमान?
क्या है खबर?
दुबई में चल रहे एयर शो के दौरान बड़ा हादसा हो गया है। वहां भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटना का शिकार हो गया है। विमान के गिरते ही उसमें आग लग गई और काले धुएं का गुबार देखा गया। हादसे में विमान के पायलट की भी मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि ये हादसा एयर शो में एक डेमो उड़ान के दौरान हुआ। आइए दुबई एयर शो के बारे में जानते हैं।
एयर शो
क्या है दुबई एयर शो?
दुबई एयर शो का आयोजन हर 2 साल में एक बार किया जाता है, जिसकी शुरुआत 1989 में हुई थी। इसमें लगभग हर बड़ी एयरोस्पेस कंपनी हिस्सा लेती हैं और अपने विमानों, तकनीकों और पेशेवरों को प्रदर्शित करती है। इस शो को दुनिया का बेहद प्रतिष्ठित एयर शो माना जाता है। हर बार 100 से ज्यादा देशों के 1,000 से ज्यादा पायलट और एयरोस्पेस जगत से जुड़े 1.40 लाख से ज्यादा लोग इस आयोजन में हिस्सा लेते हैं।
खासियत
कितना बड़ा है इस साल का आयोजन?
दुबई के अल मकतूम हवाई अड्डे पर आयोजित हो रहे इस शो में इस साल 1,500 से ज्यादा दिग्गज एयरोस्पेस कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इनमें लॉकहीड मार्टिन, एयरबस, बोमबार्डियर, दसॉ एविएशन, एम्ब्रेयर, फाल्कन और थेल्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा एयरोस्पेस उद्योग के 450 से ज्यादा विशेषज्ञ भी हिस्सा ले रहे हैं। शो की वेबसाइट के मुताबिक, इस बार 250 से ज्यादा वाणिज्यिक, सैन्य और निजी विमानों के साथ ड्रोन और हेलीकॉप्टर भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
इतिहास
1991 के बाद 10 साल तक नहीं हुआ था शो
दुबई एयर शो का पहली बार आयोजन साल 1986 में हुआ था। तब आयोजन का नाम 'अरब एयर' था। दूसरी बार शो का आयोजन 1989 में दुबई हवाई अड्डे पर हुआ था जिसमें 25 विमानों ने हिस्सा लिया था। 1991 में तीसरी बार शो आयोजित किया गया। हालांकि, इसके बाद 10 सालों तक शो नहीं हो सका। 2001 से यह शो हर दो साल में होता आ रहा है। आखिरी बार ये 13-17 नवंबर, 2023 तक हुआ था।
भारत
भारत की ओर से कौन-कौन ले रहा है हिस्सा?
इस 2 दिवसीय आयोजन में भारत ने भी अपनी बड़ी टीम भेजी है, जो रक्षा शक्ति का प्रदर्शन करेगी। भारतीय वायु सेना और सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम इस एयर शो में हिस्सा ले रही है। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। सेठ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के रक्षा मंत्री के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा वे भारत, UAE, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन और इटली की लगभग 50 कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे।